गले कटवाते रहना घोर तामस है! जीवन्त जाति का लक्षण नहीं।

गले कटवाते रहना घोर तामस है! जीवन्त जाति का लक्षण नहीं।

गले कटवाते रहना घोर तामस है! जीवन्त जाति का लक्षण नहीं। हमें किसी का गला नहीं रेतना है किंतु कोई हमारा गला न रेत जाये, इसके लिये बली बनना है, शारीरिक रूप से भी, मानसिक रूप से भी।

Distance from self अनासक्ति व Solomon's Paradox

Distance from self अनासक्ति व Solomon’s Paradox : सनातन बोध – ८४

Distance from self अनासक्ति – Solomon’s Paradox अन्य को सुझाव देना हो तो हम भली-भाँति विचार कर देते हैं पर स्वयं के लिए वैसा नहीं कर पाते। Distance from self तो स्पष्टतः निष्काम कर्म का विशेष रूप ही है — कार्य-फल की आकांक्षा से रहित हो – सम्बंध, सामाजिक विरोध, रचनात्मकता ही क्यों, जीवन का प्रत्येक कार्य ही निष्काम हो।

Striated Babbler बड़ा चिलचिल। चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सरयू आर्द्र भूमि, माझा, अयोध्या-224001, उत्तर प्रदेश, May 07, 2017

Striated Babbler बड़ा चिलचिल

बड़ा चिलचिल लगभग १० इंच का एक चञ्चल पक्षी है जो बड़ी-बड़ी घासों के बीच में ७ से १० के झुण्ड में दिखाई पड़ता है। इसके नर एवं मादा एक जैसे होते हैं। समभौमिक क्षेत्रों का पक्षी है जो पंजाब से लेकर गांगेय क्षेत्रों से होते हुए ब्रह्मपुत्र के क्षेत्र, नेपाल की आर्द्रभूमि, असम, बंगाल और ओडिशा के महानदी के नदीमुख क्षेत्र तक पाया जाता है।

Coppersmith Barbet छोटा बसंता, चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सरयू नदी का कछार,माझा, अयोध्या, उत्तर प्रदेश, August 25, 2019, May 10, 2019

Coppersmith Barbet, छोटा बसंता, कठखोरा

छोटा बसंता की आवाज बहुत मीठी होती है जिसे सुनने पर ऐसा प्रतीत होता है जैसे कोई ठठेरा अपना कार्य कर रहा हो, इसीलिए इसे ठठेरा भी कहते हैं।

Death मृत्यु से भय कैसा? : सनातन बोध – ६१

Death मृत्यु से भय कैसा? इसका संज्ञान सुखी जीवन की ओर ले जाता है। इस दर्शन का अलौकिक लाभ हो न हो, मनोवैज्ञानिक लाभ तो स्पष्ट ही है।

Vyanjan Sandhi व्यञ्जन सन्धि या हल्‌ संंधि – २ : सरल संस्कृत – १०

त्र्यम्बकम् . यजामहे . सुगन्धिम् . पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकम्. इव. बन्धनात् . मृत्योः . मुक्षीय . मा . अमृतात् ॥ इसमें बन्‍धनात्‌ एवं मृत्योर्मुक्षीय की सन्‍धि में प्रथम शब्द के अन्तिम ‘त्‌’ के पश्चात मृत्यु का म्‌ आया है अत: संधि पश्चात त्‌ का परिवर्तन सवर्गी अनुस्वार न्‌ में हो कर बन्धनान्‌ हो जायेगा।उच्चारण शुद्धि हेतु श्री सूक्त में देखें।

URL व वेब ब्राउज़र रिक्वेस्ट

हमारा वेब ब्राउज़र यूआरएल के रूप में कई सूचनाएँ संलग्न करके सर्वर तक भेजता है जिससे हमें वांछित परिणाम प्राप्त हो। चलिए इसकी संरचना के बारे में कुछ जानते हैं।

Sudharma सुधर्मा सभा हरिवंश, लोक, लोकतन्‍त्र व वर्तमान हिन्‍दू जन

Sudharma सुधर्मा सभा हरिवंश – नाधनो विद्यते तत्र क्षीणभाग्यो पि वा नर: । कृशो वा मलिनो वापि द्वारवत्याङ्कथञ्चन ॥ आप ‘हरिवंश’ हैं भी?

जापानी उक्तियाँ (दूसरी कड़ी) : Tiny Lamps लघु दीप – 19

एशियाई सभ्यताओं में पारस्परिक सम्पर्क, विशेषकर बौद्ध मत के कारण, अनेक समानतायें पाई जाती हैं । देखना है कि मघा के पाठक उनका कितना अभिज्ञान कर पाते हैं!

Find your passion! Is it so? उत्कट कामना, जीवन सिद्धि? : सनातन बोध – 38

Find your passion! Is it so? हमें अपनी एक विशेष रुचि ‘पैशन’ ढूंढना होता है या फल की इच्छा बिना कर्म करना होता है। नए शोध सनातन दर्शन की ओर झुकते दिखाई पड़ते हैं।

Sabarimala सबरीमला : अब्राहमी मतान्‍तरण के मार्ग का सबसे बड़ा रोड़ा

1 नवम्बर को केरल को स्वतंत्र राज्य हुये 62 वर्ष हो जायेगें। 1961 की तुलना में यहाँ भारतीय मूल के धर्मावलम्बियों की संख्या 2011 तक सात प्रतिशत घट चुकी थी।