Bhāratīya Sculpture in The Met Museum, New York
Bhāratīya Sculpture in The Met Museum, New York. A travelogue by Adv. Vidit Singh Chauhaan about his visit at The Metropolitan Museum of Art.
Bhāratīya Sculpture in The Met Museum, New York. A travelogue by Adv. Vidit Singh Chauhaan about his visit at The Metropolitan Museum of Art.
Nothing to worry – आपदा के प्रभाव को हमने अब तक नियंत्रित रखा, हानि उठा कर रखा किंतु अब आर्थिक गतिविधियों को पुन: आरम्भ करने का समय है। कटिबद्ध हों।
सिंध का जन्म – हे सिंधु से जन्मे देश! जाने कब से पंजाब के झरने, पर्वतराज के क्षार …, सुकर बैराज के जल से तुम्हारी जीवाश्म मृदा को समृद्ध!
मुस्लिम फैज़ खान को अयोध्या भूमि पूजन में भाग नहीं लेना चाहिये, AS A MUSLIM, FAIZ KHAN SHOULD NOT BE PART OF BHOOMI PUJAN IN AYODHYA – Maria Wirth, ललित कुमार
आप के यहाँ गुम्बद कभी नहीं था, कलश कुम्भ के वास्तु आयाम अनेक थे, इस बात का ध्यान रखते हुये शिखर हेतु शिखर शब्द ही प्रयोग में लायें, इससे आप दक्षिण से भी जुड़ जाते हैं।
निर्माण में समय लगता है, ध्वंस में नहीं। निर्माण में नहीं लगेंगे तो एक दिन ध्वस्त हो ही जायेंगे – यह सार्वकालिक व सार्वभौमिक सच है। हमें अपनी ‘सचाइयों’ में आमूल-चूल परिवर्तन करने ही होंगे, और कोई उपाय नहीं। ट्विटर या फेसबुक पर रुदाली गाना तो किसी भी दृष्टि से विकल्प नहीं, आकाओं के कान हैं ही नहीं!
चिकनी हुई भूमि में फँसा चक्का घूमता हुआ भी केवल कीचड़ ही फेंक पाता है। हमें यह सोच कर इससे निकलना ही होगा कि दूसरे ही क्यों, हम क्यों नहीं?
CoViD-19 और भारतीय मीडिया – मनोरोगी व क्षुद्र अनियंत्रित नागरिकों से भरी इकाई नहीं, सुव्यवस्थित समूह जो निज-हित की प्राथमिकताओं से बद्ध हो।
मानवता के सामने आये कठिनतम समय का उजला पक्ष यह है कि मृत्योर्माऽमृतङ्गमय, और तमसो मा ज्योतिर्गमय के संदेश का देश आशामय है और संसार की सर्वाधिक गहन तथा दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या के बावजूद न केवल रोग को नियंत्रण में रखे हुए है बल्कि अपने देश के साथ-साथ पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी आपदाग्रस्त देशों से सफलतापूर्वक बाहर निकालकर लाया है।
दिल्ली जिहाद उदाहरण है कि कैसे इस्लाम येन केन प्रकारेण अपने लिये जमीन छीनता है। जिहादी हिंसा से ग्रस्त दिल्ली के उत्तरी पूर्वी भागों में से कुछ से महीनों या एकाध वर्षों में हिंदुओं का पलायन पूर्ण हो जायेगा जो कि टुकड़ा टुकड़ा कर दारुल इस्लाम पा लेने की दिशा में एक लघु किंतु बहुत ही प्रभावी इस्लामी उपलब्धि होगी।
समझना हो तो संविधान व कुरान को साथ-साथ देखें। सत्य उद्घाटित होगा। आश्चर्य नहीं कि जहाँ आक्रांता कुरान को आगे रखते हैं, वहीं उनके आंदोलनकारी हरावल दस्ते संविधान को। इस तिलस्म को न तो समझा गया है और न ही इसकी तोड़ हेतु कुछ किया गया है या किया जा रहा है।
Square Meal दो जून की रोटी – जनसंख्या का पेट भरने हेतु किये जा रहे अंधाधुंध दोहन एवं स्वार्थ के कारण हम अपना मृत्युगीत लिख रहे हैं।
आधुनिक भारत की समस्या उसके प्रबुद्ध वर्ग के घोर पतन की है। जन सामान्य सदैव ऐसे ही रहे हैं। वांछित सुखद परिवर्तन प्रबुद्ध वर्ग की उत्कृष्टता में अभिवृद्धि से होते हैं, उनके पतन से देश का पतन होता है। प्रबुद्ध वर्ग निराशा भरा है।
What India can learn from Israel यशार्क पाण्डेय आज बदले माहौल में इस्राएल के अब तक के युद्ध अनुभव से भारत क्या सीख सकता है। साथ ही ऑपरेशन थंडरबोल्ट, एंटेबे की कहानी। साथ ही संनिघर्षण युद्ध (War of Attrition) की नीतियाँ। गतांक में हम इस्लामिक स्टेट पाकिस्तान द्वारा पोषित आतंकवाद के विरुद्ध स्पेशल ऑपरेशन फ़ोर्स की…
It seems that the leading people in the empire had a voice in the choice of the heir. On the death of Sri Ranga-I and his brother Rama, Venkata II ascended the Vijayanagar throne in 1586, to the exclusion of Tirumala, the son of Rama, and with the “unanimous vote of all the classes.”