हिन्दी नाम: छोटी सील्ही, सिल्काही, सराल, ताम्रहंस, रविहंस (संस्कृत)
वैज्ञानिक नाम: Dendrocygna Javanica
Kingdom: Animalia
Phylum: Chordata
Class: Aves
Order: Anseriformes
Family: Anatidae
Genus: Dendrocygna
Species: Javanica
Category: Duck like bird
जनसँख्या: ह्रासमान
Population: Decreasing
संरक्षण स्थिति: सङ्कटमुक्त
Conservation Status: LC (LEAST CONCERN)
प्रवासीय स्थिति: प्रवासी
Migratory Status: Resident
दृश्यता: सुलभ
Visibility: Common
वन्य जीव संरक्षण अनुसूची: ४
Wildlife Schedule: IV
आकार: लगभग १७ इंच
Size: 17 inch
लैङ्गिक द्विरूपता: नर और मादा एक जैसे। (लैङ्गिक एकरूपता)
Sexes: Alike
भोजन: घास-फूस, जड़ें, कीट-पतंगे, मछली, घोंघे आदि।
पहचान एवं रंग रूप: यह कत्थई रंग की बारहमासी बत्तख है। जो अक्सर कीचड से भरे जलाशयों में और पेड़ों पर बैठी दिखाई देती है। सिर तनु बादामी, चेहरा और गला हल्का भूरा जो पीठ तक पहंचते गहरा हो जाता है। पीठ और पंख का रंग हल्का काला, पूँछ भूरी, शरीर का निचला समग्र भाग तनु कत्थई। पूँछ का नीचे का भाग तनु श्वेत। आँख भूरी एवं भीतरी रंग चटक पीला। नर मादा लगभग समान।
निवास: इसको पेड़ का बत्तख कहना भी अनुचित न होगा क्योंकि ये रात को तो पेड़ पर बसेरा लेती ही है। दिन में भी अपना भोजन लेने के बाद पेड़ पर ही रहती है। इसे पेड़ से घिरे ऐसे तालाब पसंद हैं जिनमे गोंद और नरई काफी हो। इनके झुण्ड नदियों में भी दिखाई पड़ जाते हैं। ये तैरने और डुब्बी लगाने में पारंगत होती है।
वितरण: यह यहाँ की बारहमासी बत्तख है जो उत्तर-पश्चिम राजस्थान, कश्मीर, हिमालय के ऊँचाई वाले क्षेत्रों एवं पंजाब को छोड़कर सारे देश में पाई जाती है।
प्रजनन काल तथा घोंसला: इसके युगनद्ध होने का समय जून से अक्टूबर तक रहता है जब ये किसी जल स्रोत के पास किसी पेड़ पर सूखी लकड़ियों का घोंसला बनाती हैं या कभी-कभी किसी पन्कौवे के पुराने घोंसले में सुधार कर भी अपना काम चला लेती है। कभी-कभी किसी पुराने पेड़ के खोह में भी अण्डे देते देखा गया है। समय आने पर मादा इसमें १०-१२ तक अण्डे देती है जो आरम्भ में तो सफ़ेद होते हैं किन्तु समय के साथ मटमैले हो जाते हैंं। अण्डों का आकार लगभग १.८ *१.५० इंच होता है।