A Soldier

चीनी वस्तुओं का बहिष्कार Boycott Chinese Goods कैसे करें?

इण्टरनेट है, गुगल खोज उपलब्ध है; जब आप एक योद्धा की भाँति स्थिरचित्त व दृढ़निश्चयी होंगे तो विकल्प ढूँढ़ ही लेंगे। इस कारण ही पहले मन का संस्कार आवश्यक है। चीनी मन आप से अधिक स्थिर, दृढ़ व सातत्ययुक्त है; उसकी विविध क्षेत्रों में प्रगति ही प्रमाण है। ‘हजार की यात्रा एक पग से’ को उन्होंने दशकों से अपना रखा है।

Crisis ahead आसन्न सङ्कट : मिथ्या-दृष्टि का ग्रहण करने से दुर्गति

Crisis ahead आसन्न सङ्कट : मिथ्या-दृष्टि का ग्रहण करने से दुर्गति

Crisis ahead आसन्न सङ्कट – भय न करने की बात में भय देखते हैं, भय करने की बात में भय नहीं देखते; मिथ्या-दृष्टि से दुर्गति को प्राप्त होते हैं।

बोलिये सुरीली बोलियाँ

बोलिये सुरीली बोलियाँ – भारत के पाँवों में शिलाओं के समान बँधे हुये भारी शब्दों पर विचार व मनन होने चाहिये एवं आवश्यकता पड़े तो उनका त्याग भी। हम सभी विनाश के सम्मोहन में पड़े हुये विकास, अभ्युदय, कल्याण आदि के प्रलाप करते हुये अनियंत्रित, अमर्यादित,अनियोजित लड़खड़ाते हुये चले जा रहे हैं। ऐसे में भारत तिल तिल मरता व मारा जाता रहेगा।

मृत्योर्माऽमृतङ्‍गमय

मृत्योर्माऽमृतङ्‍गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय : COVID-19 और भारत

मानवता के सामने आये कठिनतम समय का उजला पक्ष यह है कि मृत्योर्माऽमृतङ्‍गमय, और तमसो मा ज्योतिर्गमय के संदेश का देश आशामय है और संसार की सर्वाधिक गहन तथा दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या के बावजूद न केवल रोग को नियंत्रण में रखे हुए है बल्कि अपने देश के साथ-साथ पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी आपदाग्रस्त देशों से सफलतापूर्वक बाहर निकालकर लाया है।

पेटी एकांत नवसंवत्सर – निर्वासित जीवन या जीवित निर्वासन?

आपदा की छाया में नवसंवत्सर आया है। वासंतिक नवरात्र का ऐसे समय में प्रारम्भ हो रहा है। आवश्यक है कि वे जो उपर्युक्त से क्षुब्ध रहते हैं, वे आत्ममंथन व मनन कर वह धारा प्रवाहित करें जो सबको सोचने पर विवश करे। शुभमस्तु।     

Delhi Jihad दिल्ली जिहाद और शनै: शनै: बढ़ता भावी विकराल संकट

दिल्ली जिहाद उदाहरण है कि कैसे इस्लाम येन केन प्रकारेण अपने लिये जमीन छीनता है। जिहादी हिंसा से ग्रस्त दिल्ली के उत्तरी पूर्वी भागों में से कुछ से महीनों या एकाध वर्षों में हिंदुओं का पलायन पूर्ण हो जायेगा जो कि टुकड़ा टुकड़ा कर दारुल इस्लाम पा लेने की दिशा में एक लघु किंतु बहुत ही प्रभावी इस्लामी उपलब्धि होगी।

Pakistan Zindabad Jihad पाकिस्तान जिंदाबाद और जिहाद पर कलन गणित

समझना हो तो संविधान व कुरान को साथ-साथ देखें। सत्य उद्घाटित होगा। आश्चर्य नहीं कि जहाँ आक्रांता कुरान को आगे रखते हैं, वहीं उनके आंदोलनकारी हरावल दस्ते संविधान को। इस तिलस्म को न तो समझा गया है और न ही इसकी तोड़ हेतु कुछ किया गया है या किया जा रहा है।

Lahore syndrome लाहौर लक्षण और ठौर ठौर कश्मीर

मात्र तीन दशक पूर्व स्वतंत्र भारत में, सरकारी तंत्र, संविधान, संसद आदि सब के रहते हुये भी जो हुआ तथा आगे जिस प्रकार से सारा तंत्र निस्सहाय दिखा, उससे हमें सीख मिल जानी चाहिये थी कि हम बहुत बड़े भ्रम में जी रहे हैं।

Inner Journey भीतरी यात्रा

ठीक है कि यह एक प्रक्रिया है, ऐसा नहीं हो सकता कि आप आज सोये एवं कल प्रात:काल सब कुछ यातु से परिवर्तित हो गया! परंतु क्या हमने यात्रा आरम्भ कर दी है? क्या हममें से प्रत्येक के पास कोई समयबद्ध कार्यक्रम है? क्या हम अपनी प्रगति से संतुष्ट हैं या ऐसा कुछ करने की सोच भी नहीं रहे? स्वयं से पूछें।

पतनोन्मुख भारतीय शिक्षातंत्र व भविष्य

‘हमें चाहिये आजादी’ केवल उत्साही नारा मात्र नहीं, वह भी नहीं जो इसके सिद्धांतकार बताते फेचकुर फेंक देते हैं; यह तीव्र गति से पसर रहे एक घातक रोग का लक्षण है। इस रोग में उत्तरदायित्व का कोई स्थान नहीं, कर्तव्य पिछड़ी सोच है तथा बिना किसी आत्ममंथन के कि हम इस देश से जो इतना ले रहे हैं, कुछ दे भी रहे हैं क्या? केवल अधिकार भाव है, अतिक्रांत सी स्थिति।

CAA व भ्रष्ट जिहादी युवा

सांस्कृतिक व मानवीय दृष्टि से भी ऐतिहासिक (CAA नागरिकता संशोधन अधिनियम) विधिक प्रावधान को मुस्लिम विरोधी बना कर प्रस्तुत किया गया। उसकी आड़ में ‘direct action’ और जिहाद का पूर्वाभ्यास किया गया।

Stop this fire यह आग रुकनी चाहिये।

हमारा समय ‘अवमुक्त’ समय है। अभिव्यक्ति स्वतन्त्रता के नाम पर, व्यक्ति की स्वतन्त्रता के नाम पर सामाजिक एवं धार्मिक निषेध बहुत तनु होते गये हैं। कहीं न कहीं हम अधिक स्वकेन्द्रित होते जा रहे हैं।

खण्ड खण्ड आत्मघात

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के धर्म सङ्काय में अधार्मिक पंथ के अनुयायी की आचार्य पद पर हुई नियुक्ति का जो विरोध हुआ है, उसने हमारी अकादमिकी एवं पूरे शिक्षा तंत्र के एक बहुत बड़े सङ्कट को अनावृत्त किया है। जानते तो लोग बहुत पहले से हैं किंतु जैसा कि समस्त समस्याओं के साथ होता, कुछ दिनों पश्चात या तो समायोजन कर लिया जाता है या आँखें मूँद ली जाती हैं।

सिनीवाली हे देवी सरस्वती! हमें लक्ष्मी दें। हे देवी लक्ष्मी! हमारी विद्या बढ़े।

पञ्चदिवसीय दीपपर्व पञ्चकोशीय देवी साधना-आराधना का पर्व है। पितरों के आह्वान पश्चात शारदीय नवरात्र से आरम्भ हो पितरों को विदा देने के आकाशदीपों तक का लम्बा कालखण्ड प्रमाण है कि यह विशेष है।

Sudharma सुधर्मा सभा हरिवंश, लोक, लोकतन्‍त्र व वर्तमान हिन्‍दू जन

Sudharma सुधर्मा सभा हरिवंश – नाधनो विद्यते तत्र क्षीणभाग्यो पि वा नर: । कृशो वा मलिनो वापि द्वारवत्याङ्कथञ्चन ॥ आप ‘हरिवंश’ हैं भी?

बलात्कार यौन दुष्कर्म बिंदास - नवरात्र पर्व पर मंथन आवश्यक

बलात्कार यौन दुष्कर्म बिंदास – नवरात्र पर्व पर मंथन आवश्यक है।

आज पितरों की बिदाई है, कल से माँ का आगमन हो रहा है। ऐसी संधि पर एक बहुत ही ज्वलंत समस्या पर विचार किया जाना चाहिये – हिंदू ललनाओं के साथ बढ़ रहे जिहादी यौन दुष्कर्मों पर।

भाषा-संकट राष्ट्रभाषा व जीविका

भाषा-संकट राष्ट्रभाषा व जीविका

एक बार पुनः भाषाओं को लेकर विवाद चल पड़ा है। हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने पर कुछ क्षेत्रीय दलों, बुद्धिजीवियों द्वारा विरोध का क्रम चल पड़ा है। आने वाले २०-३० वर्षों में बहुत ‌से कार्य जो अभी लोग बोल कर करते हैं, उन्हें कम्‍प्यूटर करने लगेंगे। ये कार्य सर्वप्रथम अंग्रेजी भाषा के ही होंगे इसमें भी कोई संशय नहीं है।  बचे खुचे ऐसे कार्यों के लिए मूल अंग्रेजी भाषी को और अधिक प्राथमिकता मिलनी निश्चित ही है। तो हमारे लोग क्या बनेंगे? अंग्रेजी बोलने वाले वेटर?