वेण्डी डॉनिगर Wendy Doniger के समक्ष याज्ञवल्क्य की आवश्यकता है

अकादमिक धूर्तता के कुछ नगीने – “I show how deeply embedded the ‘slut assumption’: that any time a woman appears with a piece of valuable jewellery, everyone assumes that she got it from some man she slept with: her husband (if she is good girl) or a lover (if she is unmarried and not a…

अकादमिक चौर्य कर्म तथा भारतीय भाषाओं के लिये एक मञ्च

भारत के उच्च शिक्षा शोध संस्थानों की प्रतिष्ठा एवं वरीयता अंतर्राष्ट्रीय स्तर की न होने के ढेर सारे कारणों में से प्रमुख एक है – अकादमिक शुचिता का अभाव। निचले स्तर पर छिछ्लापन एवं चौर्य कर्म की प्रचुरता तो है ही, स्तरीय कहे जाने वाले संस्थान भी पीछे नहीं। ‘फ्रॉड’ करने में भी उनका नाम…

नागरिक स्वतन्त्रता की सिद्धि क्या है?

चीन की सीमायें भारत से नहीं मिलतीं, तिब्बत की मिलती हैं। यदि आप मानचित्र देखें तो समझ पायेंगे कि सारी उत्तरी सीमा पर तिब्बत चीन एवं भारत के बीच एक ‘बफर’ था। बौद्ध धर्म चीन एवं तिब्बत दोनों को भारत से मिला। भारत एवं चीन दोनों अति प्राचीन सभ्यतायें हैं एवं उनके आपसी सांस्कृतिक सम्बंध…

नगरीकरण एवं भारत का विकास : जन-कुपोषण एवं खटमल विकास

हम, भारत के लोग, विश्व की कुल कुपोषित जनसंख्या का एक चौथाई अपने में समोये हुये हैं। कुपोषण ग्रामीण, नागर, धनी, निर्धन, मध्यवर्ग इत्यादि सब की वास्तविकता है। खाद्यान्न वितरण के विशाल सरकारी तंत्र पर हमारे सकल घरेलू उत्पादन का एक प्रतिशत व्यय होता है जो कि बहुत बड़ी राशि है तब भी हमारे गोदामों…

यतो धर्मस्ततो जय:

धर्मक्षेत्र। भारत युद्ध में उपदिष्ट भगवद्गीता के चौथे अध्याय के आठवें श्लोक में श्रीकृष्ण वह कहते हैं जिसे राज्य के तीन आदर्शों के रूप में भी लिया जा सकता है: परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय दुष्कृताम् धर्म संस्थापनाय पहला सूत्र उपचारात्मक है, यदि सज्जन पीड़ित है तो उसे पीड़ा से मुक्ति दी जाय, अन्याय को समाप्त किया…

भारतीय जन और ‘सुरक्षा’

आज भारतीय जन को ‘सुरक्षा’ के प्रति सजग हो समीक्षा एवं कार्रवाई करने की आवश्यकता है। जीवनशैली, मान्यतायें, क्रियाकलाप एवं सबसे अधिक चिंतन पद्धति विषाक्तता से ग्रसित हो चुके हैं। चेतिये! समय की पुकार तीव्र है।

Rohingya Muslims रोहिंग्या मुसलमान

Rohingya Muslims रोहिंग्या मुसलमान : भारत के विरुद्ध जिहादी ट्रॉजन हॉर्स

1235 ई.। नालंदा विश्वविद्यालय अपनी पूर्व कीर्ति और वैभव की जर्जर स्मृति-मात्र रह गया था। उसके बचे भग्नावशेषों में गया के राजा बुद्धसेन और ओदंतपुरी निवासी ब्राह्मण शिष्य जयदेव के अनुदानों से 70 शिष्यों के साथ भदंत राहुल श्रीभद्र शिक्षा दीक्षा की परम्परा को जीवित रखे हुये थे। पहले के इस्लामी तुर्क आक्रमण से बचे…

मघा सहित सूर्य चंद्र

मघा नक्षत्र में सूर्य प्रति वर्ष प्राय: अंतर्राष्ट्रीय सौर दिनाङ्क 17 अगस्त से 30 अगस्त तक रहते हैं। ऐसे में यदि चंद्र का संयोग भी मघा के साथ बने तो इन ‘तीनों के साहित्य’ पर साहित्य अङ्क आना चाहिये, कल की अमावस्या और आज की शुक्ल प्रतिपदा की युति के नेपथ्य में यही भाव है।  …

एकांगी तंत्र, कथ्य के गल्पी दबाव और विभ्रम

यत्र तत्र की घटनायें अतिशयोक्तियों और पुनरुक्तियों के दुंदुभिनाद बन असहनीय दबाव रच रही हैं और अर्थ चालित छवि के बिगड़ने के भय ने उस विभ्रम की रचना की है जिसके केंद्र से चिंता और चेतावनी के हास्यास्पद स्वर रह रह फूट पड़ते हैं। वे ऐसे संकेत हैं, जिनका आना ही दर्शा देता है कि दबाव कितना है। ऐसी स्थिति क्यों है?

अपनी बात

आज आषाढ़ मास की पूर्णिमा है जोकि गुरु पूर्णिमा कहलाती है। क्यों? गुरु कौन? आज चन्द्र उत्तराषाढ़ नक्षत्र पर होंगे। कल से श्रावण मास आरम्भ होगा, वर्षाकाल अब संयम प्रधान होगा। ऐसे में विशेष अध्ययन अध्यापन हेतु गुरु वांछनीय होंगे ही। प्राय: 21 जून को सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश के साथ ही मृगशिरस…

भारतीय कृषि, कोई है खेवनहार?

इस शताब्दी के तीसरे चौथे दशक में भारतीय कृषि के सामने विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या का पेट भरने की चुनौती होगी। चुनौती का अर्थ मात्रा और गुणवत्ता दोनों से है जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य से जुड़ते हैं। वास्तविकता यह है कि जितना ध्यान अन्य क्षेत्रों पर है उसका अल्पतम भी इस क्षेत्र पर नहीं है।…

सनातन धर्म

जनसंख्या : ‘भाव’ और ‘अभाव’ पंथी एवं भविष्य

उल्लेखनीय है कि आगे के दो दशकों में भारत की जनसंख्या चीन को पार कर जायेगी और यह संसार का सबसे युवा देश होगा। एक ओर निरंतर बढ़ते हाथों को काम और मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराने की चुनौती होगी तो दूसरी ओर उनकी कार्यकुशलता की गुणवत्ता की दयनीय स्थिति तनाव भी बढ़ायेगी। उस तनाव का अनुमान अभी से लगाया जा सकता है जब कि अभियांत्रिकी की शिक्षा पाये युवाओं का अधिकांश भाग किसी काम लायक नहीं पाया जा रहा है! ऐसे में सीमित संसाधनों पर भारी दबाव होगा।

अपनी बात : चुनाव सुधार

चुनाव सुधार नहीं हुये तो स्थिति वही रहनी है जो पिछले 65 वर्षों से जारी है। 565 रजवाड़ों और ब्रिटिश शासित क्षेत्रों के विलय के साथ वर्तमान भारत संघ बना। संयुक्त राष्ट्रसंघ के अनुमान के अनुसार भारत की जनसंख्या 134 करोड़ होने वाली है जिसकी मध्यमान आयु लगभग 27 वर्ष है। यह युवा देश पिछले…

smart textiles population growth

smart textiles population growth जनसंख्या वृद्धि और चतुर ताँत या अभिज्ञ तंतु

लोक आगामी समस्याओं की अनदेखी करेगा तो तंत्र रोगग्रस्त होगा और पितरों और देवताओं का ताना बाना टूट जायेगा। आँखें खोलिये, जनसंख्या समस्या को सबसे पहले, विमर्श के केन्द्र में लाइये।

आपणी बात : रक्षा, संरक्षण और सुरक्षा

आशा है कि भारत में और वैश्विक स्तर पर भी उभरे रक्षा, सुरक्षा और संरक्षण के स्वर आने वाले वर्षों में इस संकट के उन्मूलन में सफल होंगे और मानव की स्वयं को समृद्ध और सुखी बनाने वाली नवोन्मेषी यात्रा ऐसे ही नये लक्ष्य अर्जित करती रहेगी।

आपन बाति: सोच, सङ्कट और उद्योग

आपन बाति: सोच, सङ्कट और उद्योग

पानी की समस्या से जूझते शीत शुष्क मरुस्थल कहे जाने वाले लद्दाख के सोनम वांगचुक के सामने भी यही प्रश्न था। वह आगे बढ़े। बर्फ के ऊँचे टीले बना कर जलदोहन का नव्य सफल प्रयोग कर डाले। उनके बनाये ‘हिमस्तूपों’ और नलिकाओं की साधारण सी संरचना में गुरुत्व बल के चतुर उपयोग से जल ‘उत्पादित’ होता है जिसका प्रयोग सिंचाई के लिये किया जाता है। उस जल की ड्रिप सिंचाई से शस्य लहलहा रही है। आगे उनकी योजना 30 मीटर ऊँचे बीसों स्तूपों के निर्माण की है।