पश्च दृष्टि भ्रम, योजना भ्रांति, आशावादी पक्षपात, आसक्ति : सनातन बोध – 12

सनातन बोध : प्रसंस्करण, नये एवं अनुकृत सिद्धांत – 1  , 2, 3, 4 , 5 , 6, 7, 8, 9 , 10, 11से आगे  पिछली कड़ी में हमने व्यावहारिक अर्थशास्त्र पर सांख्यिकी के प्रभाव को देखा, जिसमें हमने कई विशेषज्ञों के अपने स्वयं के अधूरे ज्ञान से अनभिज्ञ रहने की बात की थी। पश्च दृष्टि भ्रम (hindsight…

आदिकाव्य रामायण से – 18 : सुंदरकाण्ड [विवेकः शक्य आधातुं]

इस सुषमा बीच भी मारुति चैतन्य थे। उन्हें रावण फुफकारते नाग समान लगा – नि:श्वसन्तम् यथा नागम् रावणम्, उद्विग्न और सभीत हो पीछे हट गये। वह वैसा ही लग रहा था जैसे स्वच्छ स्थान पर ऊड़द का ढेर पड़ा हो, जैसे गङ्गा की धारा में कुञ्जर सोया हो, माष राशिप्रतीकाशम् नि:श्वसन्तम् भुजङ्गवत्। गाङ्गे महति तोयान्ते प्रसुप्तमिव कुञ्जरम्॥

हम भारतीय लोग अपने वित्तीय जीवन को नष्ट करने के लिये

वित्तीय अनुशासन के अभाव में हम भारतीय लोग अपने ‘वित्तीय जीवन’ को नष्ट करने के लिये क्या-क्या नहीं करते हैं!  जब भी हम रूपये पैसे की बातें करते हैं तो ‘हम भारत के’ लोगों का मन रोता है, क्योंकि हम अपने धन के बारे में कभी भी किसी से भी बात ही नहीं करना चाहते…

अधूरी सूचना की सनसनी, सनातन बोध : प्रसंस्करण, नये एवं अनुकृत सिद्धांत – 11

अधूरी सूचना की सनसनी : लोगों की धारणायें प्राय: उनकी भावनाओं से, पारंपरिक अर्थशास्त्र की लाभ-हानि (risk reward) को सोचे बिना, निर्धारित होती हैं।

गर्देज़ के गणेश : दाङ्ग से कुभा तक की यात्रा का रहस्य खोलते हुये

कुभा, कु +भा। जिस नदी के जल की आभा मटमैली हो, कुभा, आज की काबुल नदी। कुभा से लगे नगर काबुल की वीथियों में घूमता मैं ऋग्वैदिक ऋषियों श्यावाश्व और प्रैयमेध का स्मरण करता हूँ, समय ने इस नगर पर ध्वंस के इतने प्रहार किये हैं कि इसकी कीर्ति कुभा के जल सी मटमैली हो…

National Interest – Guṇatrayī Youth

Youth must have power and strength. The focus should be on getting both Śakti (शक्ति) and Bala (बल)! Śakti (physical strength and outward skills) and Bala (spiritual strength, mental strength, purity, ethics, self-control) are different. You cannot gain that in modern gyms. You must enroll in Ākhāḍā (आखाड़ा) or sports ground! Bala meant something of the Sūkṣma Śarīra (सूक्ष्म शरीर) ; not merely of the gross body or Sthūla Śarīra (स्थूल शरीर).

सांख्य दर्शन Ssankhya Darshan

सांख्य दर्शन : सनातन बोध: प्रसंस्करण, नये एवं अनुकृत सिद्धांत – 8

आधुनिक मनोविज्ञान के साथ इन दर्शनों का यहाँ वर्णन करने का लक्ष्य है दोनों में दिखने वाली समानता को समझना। सनातन सिद्धांतों का आधुनिक सिद्धांतों में प्रतिबिंबित होना। ‘थिंकिंग फ़ास्ट एंड स्लो’ आधुनिक समय की सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली पुस्तकों में से एक है। सरल और अद्भुत। पर इसमें वर्णित कई सिद्धांतों की झलक उसी अद्भुत रूप से सांख्य के मनोवैज्ञानिक विश्लेषण में मिलती है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा बैंक ग्राहकों की सुरक्षा के लिये नये निर्देश

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक ने इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन फ्रॉड में ग्राहकों की सुरक्षा हेतु बैंकों की जिम्मेदारी बढ़ाते हुए दिशा-निर्देश जारी किया हैं।

एकाष्टका देवी ,नववर्ष पर पिया घर आया, मंगल गाओ री! : अथर्ववेद

अष्टका के लिये ‘एकाष्टका’ संज्ञा देते हुये उसे संवत्सर की पत्नी बताया गया है जिसके साथ वह (यह सुहाग की) आरम्भ रात व्यतीत करता है:
एषा वै संव्वत्सरस्य पत्नी यदेकाष्टकैतस्यां वा गतां रात्रिं वसति साक्षादेव तत् संव्वत्सरमारभ्य दीक्षन्ते। (5.9.2)

सांख्य दर्शन : सनातन बोध: प्रसंस्करण, नये एवं अनुकृत सिद्धांत – 7

मनु बृहस्पति से कहते हैं कि मनुष्‍यों द्वारा हिमालय पर्वत का दूसरा पार्श्‍व तथा चन्‍द्रमा का पृष्‍ठ भाग देखा हुआ नहीं है तो भी इसके आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि उनके पार्श्‍व और पृष्‍ठ भाग का अस्तित्‍व ही नहीं है। (२०३।६) यह वार्तालाप पढ़ते हुए कई संज्ञानात्मक पक्षपात सांख्य के मनोविज्ञानिक विश्लेषण की विशेषावस्था लगते हैं। संज्ञानात्मक पक्षपातों के सारे सिद्धांत इस कथन की तरह ही हैं। यह कथन आधुनिक व्यावहारिक मनोविज्ञान के हर पुस्तक की भूमिका है!

श्री भगवान सिंह से बातचीत – 1 : ऋग्वेद

श्री भगवान सिंह ‘मघा’ के इस अंक से हम एक नयी शृंखला आरम्भ कर रहे हैं जिसमें विविध विषयों पर विद्वानों से बातचीत और साक्षात्कार प्रस्तुत किये जायेंगे। श्रीगणेश के लिये भारत की सबसे प्राचीन थाती ‘ऋग्वेद’ से अधिक उपयुक्त कौन सा विषय हो सकता है और ऋग्वेद पर बातचीत के लिये स्वनामधन्य श्री भगवान…

गृह ऋण : भुगतान निर्णय (समय से पहले भरें या नहीं?)

गृह ऋण का समय से पहले भुगतान करने से पहले मूलभूत बात समझें कि यदि आपको उस रकम पर मिलने वाली ब्याज की दर, ऋण के ब्याज दर से अधिक है तो ऋण को चालू रखना ही समझदारी है।

संस्कृते अङ्कानांसंख्यानांच प्रयोगः (गताङ्कतः अग्रे)

त्रि (3) + त्रय(3) + अङ्ग(6) + पञ्च(5) +अग्नि(3) + कु(1) + वेद(4) + वह्नय(3); शर(5) + ईषु(5) + नेत्र(2) + अश्वि(2) + शर(5) + इन्दु(1) + भू(1) + कृताः(4)। वेद(4) + अग्नि(3) + रुद्र(11) + अश्वि(2) + यम(2) + अग्नि(3) + वह्नि(3); अब्धयः(4) + शतं(100) + द्वि(2) + द्वि(2) + रदाः(32) + भ (नक्षत्र) + तारकाः।

हिन्दुत्व की अच्छाइयाँ जो इस्लाम और इसाई मजहबों में नहीं हैं।

हिन्दुत्व की अच्छाइयाँ : ऐसा प्रतीत होता है कि अमेरिकी गुप्तचर संस्थायें भारतीय प्रज्ञा को स्वयं भारतीयों से भी अधिक गम्भीरता से अपनाती हैं। Goodness of Hinduism मारिया विर्थ हिन्दुत्व में ऐसी अनेक अच्छाइयाँ हैं जिनका इसाइयत और इस्लाम में अभाव है, जो कि स्पष्ट भी हैं। यदि कोई इसाई या मुस्लिम समूचे विश्व में घिसी…

शर्वरी लोरी : वैदिक साहित्य की एक बरसाती पूर्णिमा

शर्वरी लोरी : वर्षा ऋतु का चन्द्र वृषभ है। समुद्र का किनारा है, पूर्णिमा है और चन्द्र निकल आया है। स्वच्छ आकाश में तारक गण हैं और बरसती चाँदनी भी है।

संज्ञानात्मक पक्षपात inattentional blindness (सनातन बोध: प्रसंस्करण, नये एवं अनुकृत सिद्धांत – 6)

संज्ञानात्मक पक्षपात inattentional blindness का अध्ययन चेतना की दृष्टिहीनता को बताता है। सभी सनातन ग्रंथों में चैतन्य को सर्वश्रेष्ठ विज्ञान कहा गया है। सनातन बोध : प्रसंस्करण, नये एवं अनुकृत सिद्धांत – 1  , 2, 3, 4 और  5 से आगे  … संज्ञानात्मक पक्षपात संज्ञानात्मक पक्षपातों का अध्ययन इस बात का अध्ययन है कि हम किसी बात…

सनातन बोध: प्रसंस्करण, नये एवं अनुकृत सिद्धांत – 5

दुःख-सुख का उल्टा नहीं। उपलब्ध विकल्पों में हम उनको चुनते हैं जिसमें लाभ भले कम हो पर हानि होने के आसार ना हो। हम लाभ से ज्यादा हानि के प्रति सचेत होते हैं। (decision making economics behavioural science) सनातन बोध : प्रसंस्करण, नये एवं अनुकृत सिद्धांत – 1  , 2, 3 और  4 से आगे  … व्यावहारिक…

उपनयन संस्कार

उपनयन की पद्धतियों के ४ भाग दीखते है। विद्यारम्भ, वेदारम्भ, ब्रह्मचर्य व्रत, उपनयन। (१) विद्यारम्भ इसका एक लौकिक रूप है- खली छुआना। खली से स्लेट पर लिखते हैं। सबसे पहले वर्णमाला सीखते हैं। देवों का चिह्न रूप में नगर देवनागरी लिपि है। इसमें ३३ देवों के चिह्न क से ह तक स्पर्श वर्ण हैं। १६ स्वर मिलाने…

निवेश करना भी एक कला है

निवेश करना भी एक कला है जिसके लिए अनुशासन बहुत जरूरी है। निवेश करना एक विज्ञान भी है जिसके लिए एक प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। निवेश बचत के बाद की सीढ़ी है। निवेश करना एक ऐसी कला है जिसके लिए अनुशासन बहुत जरूरी है। तो निवेश करना कला तो है ही साथ में एक विज्ञान…