लिङ्ग liṅga : शब्द – ५
लिंग के निम्न अर्थ प्राप्त हैं— चिह्न, लक्षण, प्रतीक, परिचायक। प्रमाण के साधन। स्त्री/पुरुष वाची शब्द। देव-प्रतीक प्रतिमा नहीं प्रतीक है।
लिंग के निम्न अर्थ प्राप्त हैं— चिह्न, लक्षण, प्रतीक, परिचायक। प्रमाण के साधन। स्त्री/पुरुष वाची शब्द। देव-प्रतीक प्रतिमा नहीं प्रतीक है।
प्राक्+ इतिहास में क् के बाद इ आने पर क् अपने तृतीय ग् में परिवर्तित हो गया। इस तरह यह प्राग् बना। इतिहास में ठक् प्रत्यय होने से इ ऐ में परिवर्तित हो गया और बना ऐतिहासिक। प्राग्+ ऐतिहासिक = प्रागैतिहासिक ।
कृष्ण सङ्कर्षण कृषि – सङ्कर्षण – सम्यक् कृष्यते इति सङ्कर्षण। नीलाम्बरो रौहिणेयस्तालाङ्को मुसली हली। सङ्कर्षणो सीरपाणि: कालिन्दीभेदनो बल: ॥
Bhārata needs second Republic – Many of legislations are not in accordance with the said concept of equality and ‘Secularism’.
“सावित्री के तर्क सुनकर धर्मराज किंकर्तव्यविमूढ़ हो गए” । इस वाक्य में एक शब्द है -किंकर्तव्यविमूढ। यह एक शब्द न हो कर तीन शब्दों का समूह है
संस्कृत आओ करके सीखें – सेकुलरिज्म नामी रुग्णता ने इसे कोढ़ में खाज बना दिया और लोग संस्कृत के विरुद्ध भी होने लगे।पहले संस्कृत कैसे सीखते थे?
विगत दिनों माननीय प्रधानमंत्री ने देश के नागरिकों के समक्ष आत्मनिर्भर होने का विचार व्यक्त किया। आत्मनिर्भर शब्द को समझने का हम प्रयास करते हैं।
यदि चास्त्येकपत्नीत्वं शीतो भव हनूमतः । शिशिरस्य इव सम्पातो लाङ्गूल अग्ने प्रतिष्ठितः! …
जो देवी सीता हैं न, हम सबकी आदर्श, उनके सतीत्व की अग्निपरीक्षा यह है। कोई और अग्निपरीक्षा कभी नहीं हुई। युद्ध पश्चात जो अग्निपरीक्षा का क्षेपक है, वह किसी की कल्पना मात्र है।
उसे ठोकर मार कर हाथ ऊपर फैला मौलवी बुदबुदाया – तेरा लाख लाख शुकर है। इस हथियार से पहली कुरबानी काफिर की हुई।
आमीन।
विभीषण सुंदरकांड – आप कुछ को आदेश दें कि शत्रु पर आप की शक्ति दर्शाने हेतु वे अभियान करें, उन दो राजपुत्रों को पकड़ लायें।
काफिरों की कुरबानी नहीं होती, बस दोजख का अजाब होता है। छोटा खेलने बाहर भागा। एक और छुट्टन तय्यार हुआ, गयासू का सीना फिर से चौड़ा हो गया।
अगर आप हाल फिलहाल पाकिस्तान जाने वाले हों तो मुझसे उस गाँव का पता लेते जाइयेगा। वहाँ जहाँ मस्जिद दिखेगी न, वहीं केशव का घर था। दीनी कसाब को तो न घर मयस्सर हुआ और न कब्रिस्तान ही।
Ayodhya Judgement, A quietus was finally brought by the Supreme Court on probably the most contentious and controversial litigation in the history of independent India.
आचार्यश्रीशङ्करभगवत्पादस्य जन्मस्थान-जन्मसमयादिविषये मतवैभिन्न्यं दृश्यते । चतुर्दशशतके विरचितं माधवीयशङ्करविचयम्, पञ्चदशशतके प्रणीतं चिद्विलासीयशङ्करविजयम्, सप्तदशशतके विरचितं केरलीयशङ्करविजयमिति ग्रन्थत्रयं श्रीशङ्कराचार्यस्य जीवनचरित्रं विवृणोति ।
अक्षकुमार वध – भुजायें, जङ्घायें, कटि एवं गला टूट गये, अस्थियों का चूर्ण बन गया, आँखें निकल आईं। संधियों के भङ्ग होने के साथ साथ देहबन्ध भी ढीले पड़ गये।
Vyanjan Sandhi व्यञ्जन सन्धि – भगवद्गीता में ‘श्रद्धावान् लभते ज्ञानं तत्पर:’ का पाठ ‘श्रद्धावाल्ँलभतेज्ञानन्तत्पर:’ होगा।
त्र्यम्बकम् . यजामहे . सुगन्धिम् . पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकम्. इव. बन्धनात् . मृत्योः . मुक्षीय . मा . अमृतात् ॥ इसमें बन्धनात् एवं मृत्योर्मुक्षीय की सन्धि में प्रथम शब्द के अन्तिम ‘त्’ के पश्चात मृत्यु का म् आया है अत: संधि पश्चात त् का परिवर्तन सवर्गी अनुस्वार न् में हो कर बन्धनान् हो जायेगा।उच्चारण शुद्धि हेतु श्री सूक्त में देखें।
Vyanjan Sandhi व्यञ्जन सन्धि – संस्कृत में प्रत्ययों के अतिरिक्त मूल भी होते हैं। किसी भी शब्द का विच्छेद करते हुये उसके मूल तक पहुँचा जा सकता है। मूल क्रिया आधारित हों अर्थात उनमें किसी कुछ करने का बोध हो तो वे धातु कहलाते हैं यथा युज् जो जोड़ने के अर्थ में है जिससे योक्त, युक्त, योक्ता जैसे शब्द बने हैं।
Maheshvara Sutra Shiva Sutra Panini पाणिनीय माहेश्वर सूत्र किसी सूत्र के एक वर्ण से आरम्भ हो आगे के किसी सूत्र के ‘इत्’ या ‘अनुबन्ध’ तक के बीच के समस्त वर्णों को संक्षिप्त रूप में दर्शाते हैं। स्पष्टत: इनमें ‘इत्’ वर्ण नहीं लिये जाते। इन्हें प्रत्याहार कहते हैं।
एक बार पुनः भाषाओं को लेकर विवाद चल पड़ा है। हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने पर कुछ क्षेत्रीय दलों, बुद्धिजीवियों द्वारा विरोध का क्रम चल पड़ा है। आने वाले २०-३० वर्षों में बहुत से कार्य जो अभी लोग बोल कर करते हैं, उन्हें कम्प्यूटर करने लगेंगे। ये कार्य सर्वप्रथम अंग्रेजी भाषा के ही होंगे इसमें भी कोई संशय नहीं है। बचे खुचे ऐसे कार्यों के लिए मूल अंग्रेजी भाषी को और अधिक प्राथमिकता मिलनी निश्चित ही है। तो हमारे लोग क्या बनेंगे? अंग्रेजी बोलने वाले वेटर?