भारतीय नाम : सौबिगा, शौबिगी, शाऊबीगी, बड़ा बाबुना, शुभग, शुकिक, [सुभग, शुकिक, मधुक श्रीवद (संस्कृत)], বিহুৱতী চৰাই (आसामी), ফটিকজল (बांग्ला), [શૌબિન્ગા, શોબિગી (गुजराती)], അയോറ (मलयाळम), [सुभग, कमका बोदल (मराठी)], மாம்பழச்சிட்டு (तमिळ)
वैज्ञानिक नाम (Zoological Name) : Aegithina tiphia
Kingdom: Animalia
Phylum: Chordata
Class: Aves
Order: Passeriformes
Family: Aegithinidae
Genus: Aegithina
Species: Tiphia
Category: Perching Birds
जनसङ्ख्या : अज्ञात
Population: Unknown
संरक्षण स्थिति : सङ्कट-मुक्त
Conservation Status: LC (Least Concerned)
वन्य जीव संरक्षण अनुसूची : ४
Wildlife Schedule: IV
नीड़ काल : मई से सितम्बर
Nesting Period: May To September
आकार : लगभग ५.५ इंच
Size: 5.5 in
प्रव्रजन स्थिति : स्थानीय अनुवासी
Migratory Status: Resident
दृश्यता : सामान्य (प्राय: दृष्टिगोचर)
Visibility: Common
लैङ्गिक द्विरूपता : द्विरूप
Sexes: Unalike
भोजन : मुख्य भोजन कीड़े-मकोड़े
Diet: Insectivores
अभिज्ञान एवं रङ्ग-रूप : सौबिगा लगभग ५.५ इंच का छोटा सा गौरैया के आकार का सुन्दर चुलबुला पक्षी है जिसे हम अपने वाटिकाओं के आस-पास वृक्षों पर फुदकते देख सकते हैं। इसके नर का ऊपरी भाग सिर से पीठ तक काला, पीठ के नीचे का भाग धानी रंग का, पूंछ काली तथा डैने के ऊपर श्वेत रेखायुग्म होता है। पंखों के किनारे एवं नीचे का भाग पीला होता हैं। शीतकाल में ऊपर वाला काला भाग लुप्त हो जाता है और नीचे का रंग तनु हो जाता है परन्तु मादा का रंग सदैव एक जैसा धानी रंग का होता है।
निवास : सौबिगा पूरे भारत में पाई जाती है। वैसे तो यह मैदान में रहने वाली चिड़िया है पर इसे हिमालय में ३०००-४००० फुट की ऊँचाई तक देखा गया है।
वितरण : सौबिगा भारत का बहुत परिचित पक्षी है जिसे वाटिकाओं में प्राय: देखा जा सकता है। यह जोड़ों में या ४-५ के झुण्ड में भी दिखाई पड़ जाता है। इसका स्वर बहुत मधुर होता है।
प्रजनन काल तथा नीड़ निर्माण : सौबिगा के युगनद्ध होने का समय मई से सितम्बर तक का होता है। प्रजनन काल में नर, मादा को रिझाने के लिए उड़-उड़ कर सुरीले रव करता है। उस समय यह किसी सुरक्षित द्विशाखा पर अपना सुन्दर द्रोणाकार नीड़ बनाता है। इसके लिए वह तंतु, मृदु घास-फूस और मकड़ी के जाले का प्रयोग करता है। समय आने पर मादा ३-४ अण्डे देती है जिनका रंग कांतिहीन श्याव होता है। अण्डों का आकार लगभग ०.७०*०.५४ इंच होता है।
सम्पादकीय टिप्पणी :
दवे (Birds in Sanskrit Literature) के अनुसार इस पक्षी के नाम इसकी मधुर ध्वनि से पड़े हैं। आङ्ग्ल नाम Iora सम्भवत: लैटिन के Io से बना है जिसका अर्थ आनंदरव होता है। सू एवं सी ध्वनियों से इसके रव का साम्य होने के कारण संस्कृत में इसे सू-करी सूकरी या सूकरिका कहा गया – सू इति शब्दं करोति। बृहत्संहिता इसे चट(टि)का (गौरैया) की जाति का बताती है – जात्या चटिका च सूकरिका।
इसके अन्य नाम शुकिका का प्राकृत में सुबिगा हुआ जो हिंदी में सौबिगा हो गया। इसके मधुर स्वर से ही जुड़े सबसे उपयुक्त नाम हैं – श्रीवद एवं मधुक। श्रीवदाख्य: पक्षी, श्री इति वदति वाश्यते। मधुक: मधुना मधुरं वा कायति।