भारतीय तथा अन्य नाम
हिन्दी : छोटा किलकिला, छोटा मछराला, कौड़िल्ली, घिरनी, राम चिरैया, मछरेंगा, शरीफन
संस्कृत : लघु मीनरङ्ग
गुजराती : નાનો કલકલિયો
मराठी : छोटा खण्ड्या, धिंदळा
बांग्ला : পাতি মাছরাঙা
कन्नड़ : ನೀಲಿ ಮಿಂಚುಳ್ಳಿ
तमिळ : சிறு நீல மீன்கொத்தி
मळयाळम : ചെറിയ മീൻകൊത്തി
नेपाली : सानो माटीकोरे
अंग्रेजी : Common Kingfisher, Small Blue Kingfisher, River Kingfisher, Eurasian Kingfisher, European Kingfisher, Alcedo atthis
वैज्ञानिक नाम (Zoological Name) : Alcedo atthis
Kingdom: Animalia
Phylum: Chordata
Class: Aves
Order: Coraciiformes
Family: Alcedinidae
Genus: Alcedo
Species: atthis
गण-जाति : यष्टिवासी
Clade: Perching Bird
जनसङ्ख्या : अज्ञात
Population: Unknown
संरक्षण स्थिति (IUCN) : सङ्कट-मुक्त
Conservation Status (IUCN): LC (Least Concern)
वन्य जीव संरक्षण अनुसूची : ४
Wildlife Schedule: IV
नीड़-काल : मार्च से जून तक
Nesting Period: March to June
आकार : लगभग ७ इञ्च
Size: 7 in
प्रव्रजन स्थिति : अनुवासी
Migratory Status: Resident
दृश्यता : सामान्य (प्राय: दृष्टिगोचर होने वाला)
Visibility: Common
लैङ्गिक द्विरूपता : अनुपस्थित (नर और मादा समरूप)
Sexual Dimorphism: Not Present (Male and females are alike)
भोजन : मछली, टैडपोल, जलीय कीट आदि।
Diet: Fish, Aquatic insects, Insect larvae, Crustaceans etc.
अभिज्ञान एवं रङ्ग-रूप
छोटा किलकिला हमारे यहाँ जल स्रोतों के निकट पाया जाने वाला नीलवर्णी कान्ति युक्त एक सुन्दर पक्षी है। इसे नदी, नाले, झील, पोखर आदि के तटीय वृक्षों पर बैठे हुए या उनके ऊपर उड़ते हुए मछली आखेट हेतु मज्जन करते देखा जा सकता है। इसकी लम्बाई लगभग ७ इञ्च होती है। इसका ऊपरी भाग गहन नील-हरित, गला श्वेत और नीचे का भाग ललछौंह भूरा होता है। नेत्रगोलक और चञ्चु काले, पैर लाल और पञ्जों के नख कल्छौंह वर्ण के होते हैं।
निवास
छोटा किलकिला पूरे भारत में पाया जाता है। इसे पहाड़ों पर भी ६००० फीट की ऊँचाई तक बहुधा देखा जा सकता है। यह यहाँ का स्थाई पक्षी है, देश से बाहर प्रवास पर नहीं जाता है।
वितरण
छोटा किलकिला भारत के अतिरिक्त पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलङ्का तथा म्यान्मार तक पाया जाता है।
प्रजनन काल तथा नीड़ निर्माण
छोटा किलकिला का प्रजनन काल मार्च से जून तक होता है। इस समय ये पानी के किनारे किसी ऊँचे स्थान, टीले या तूप पर ३-४ फीट लम्बी गुहा बना, उसके अन्तिम छोर को खोद व चौड़ा करके उसकी भूमि पर ही अण्डे देते हैं। मादा एक बार में ५-७ अण्डे देती है और अण्डों का वर्ण कान्तियुक्त श्वेत होता है। अण्डों का आकार लगभग ०.८० * ०.७० इञ्च होता है।
तथ्य
- Common Kingfisher मछरेंगा छोटा-किलकिला का जो वर्ण नील-हरित सदृश दिखता है वह उसके पंखों में नहीं होता है, वरन प्रकाश के प्रकीर्णन प्रभाव से बनता है और इसीलिए भिन्न भिन्न कोणों से उसका वर्ण भिन्न-भिन्न दिखाई देता है और परिवर्तित होता सा लगता है।
- Common Kingfisher मछरेंगा छोटा-किलकिला अपनी प्रजाति के पक्षियों में अकेला ऐसा पक्षी है जो आखेट के लिए जल में नीचे पूर्ण-मज्जन कर सकता है जिससे कि इसका पूरा शरीर जल में नीचे डूब जाता है।
- Common Kingfisher मछरेंगा छोटा-किलकिला के नेत्र प्रकाश ध्रुवीकरण (light polarization) की क्षमता से युक्त होते हैं जिससे इसे जल तल पर तीव्र सूर्य प्रकाश में भी सरलता से जलीय जन्तु दिखाई देते हैं एवं इसे आखेट में समस्या नहीं आती।
बहुत ही ज्ञानवर्धक