नीलकण्ठ Indian Roller / Indian Blue Jay आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, ओडिसा तथा कर्नाटक का राजकीय पक्षी है। यह एक समभौमिक पक्षी है। यह श्येन (बाज ) के स्वर की अनुकृति कर सकता है।
INDIAN ROLER/INDIAN BLUE JAY नीलकण्ठ, चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सरयू नदी के पास, माझा, अयोध्या, उत्तर प्रदेश, २१ मई, २०१७
हिन्दी नाम : नीलकण्ठ, नीलकंठ, सबझक, भारत, चाष/ नीलपंख(मराठी), अपराजित (संस्कृत)
वैज्ञानिक नाम : Coracias benghalensis
Kingdom: Animalia
Phylum: Chordata
Class: Aves
Order: Coraciiformes
Family: Coraciidae
Genus: Coracias
Species: Benghalensis
Category: Perching Bird
Population: Increasing
आकार : ३३ से.मी. / १३ इंच
प्रवास स्थिति : RESIDENT, निवासी
तथ्य :
1. नीलकण्ठ आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, ओडिसा तथा कर्नाटक का राजकीय पक्षी है।
2. यह श्येन (बाज) के स्वर की अनुकृति कर सकता है।
भोजन : सूंडी, कीड़े मकोड़े, छिपकली, गिरगिट, छोटे साँप, मेढक आदि।
आवास : यह मैदानी पक्षी है जो हिमालय पर ४००० फीट की ऊँचाई से ऊपर नहीं पाया जाता। नीलकण्ठ सम्पूर्ण भारत में पाया जाता है। इसे खुले समभूमि क्षेत्रों में रहना प्रिय है। यह घने जंगलों में न रहकर खेतों, मैदानों, उद्यानोंं में ही रहता है। बैठने के लिए यह किसी पुराने पेड़ की सूखी डाल, खण्डहर, खम्भे आदि को चुनता है और वहीं चुपचाप अपने आखेट की प्रतीक्षा करता है। जैसे ही कोई भोज्य जीव बाहर निकलता है, यह झपटकर उसे पकड़ लेता है।
नर / मादा : नर और मादा एक जैसे होते हैं।
अभिज्ञान, रंग-रूप : नीलकण्ठ के सिर के ऊपर का रंग नीलछौंह हरा, पीठ और गले के दोनों पार्श्व ललछौंह भूरे, ऊपरी परों का रंग तनु हर्छौंह भूरा एवं पूँछ की जड़ पर नीले रंग की चित्ति होती है। डैने में नीले और हरे रंग मिल जाते हैं और बड़े पंख गहरे नीले व नीललोहित होते हैं। डैनों पर बादामी नीले रंग की एक चौड़ी पट्टी होती है। पूँछ का रंग गहरा नीला, जिसके सिरे पर भूरे नीले रंग की पट्टी रहती है। सिर और गले के पार्श्वभाग का रंग नीललोहित होता है जिसपर श्वेत रेखायें होती हैं। वक्ष का रंग ललछौंह भूरा तथा उसके ऊपर श्वेत रेखायें होती हैं। निचले भाग का रंग तनु नीला, आँख की पुतली धूसर भूरी व चोंच कल्छौंह भूरी होती है।
वितरण : पूरे भारत में (४००० फीट की ऊँचाई तक हिमालय में भी), बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार तथा पाकिस्तान।
प्रजनन काल तथा घोंसला : इसके प्रजनन का समय मार्च से जुलाई तक होता है। यह अपना घोंसला किसी पेड़ या भीत के छेद में बनाता है। इसका नीड़ सुन्दर नहीं होता एवं घास फूस आदि से बनाया जाता है। अण्डों की संख्या चार से पाँच तक हो सकती है। अण्डे बहुत चौंड़े या कभी-कभी बहुत गोल भी हो सकते हैं। अण्डों का रंग शुद्ध श्वेत कान्तिमय होता है। इनके अण्डे कड़े होते हैं। अण्डों का आकार लगभग १.३ x १.०५ इञ्च तक होता है।
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