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interrogative sentence sanskrit
पुल्लिङ्ग
भवतः, अर्थ – आपका / आपके / आपकी (पुल्लिंग का षष्ठी एकवचन रूप)
नाम, अर्थ – नाम
किम्, अर्थ – क्या
अस्ति, अर्थ- है। (‘अस्’ धातु का वर्तमान काल, प्रथम पुरुष, एकवचन रूप)
वाक्य :
भवतः नाम किम् अस्ति ?
आपका नाम क्या है ?
स्त्रीलिङ्ग
भवत्या:, अर्थ – आपका / आपके / आपकी (स्त्रीलिङ्ग का षष्ठी एकवचन रूप)
नाम, अर्थ – नाम
किम्, अर्थ – क्या
अस्ति, अर्थ- है। (अस् ” धातु का वर्तमान काल, प्रथम पुरुष, एकवचन रूप)
वाक्य :
भवत्या: नाम किम् अस्ति ?
आपका नाम क्या है ?
प्रथमा विभक्ति के कुछ वाक्य पुल्लिङ्ग के लिये
भवान् कथं अस्ति ? – आप कैसे हैं ?
भवन्तौ कथं स्तः ? – आप दोनों कैसे हैं ?
भवन्तः कथं सन्ति ? – आप सब कैसे हैं ?
टिप्पणी
interrogative sentence sanskrit
ऊपर नीले वर्ण मेंं जो अंश हैं, सामान्यत: लोग उनसे भय खाते हैं। संस्कृत की गढ़न गणितीय है, उस गणित को शनै: शनै: समझेंगे। अभी भाषा के केवल समग्र वाचिक रूपों पर ध्यान दें, उससे परिचय बढ़ायें।
जब आप किसी ऐसे स्थान पर जाते हैं जहाँ की भाषा से आप का अपरिचय होता है तो सीखने के लिये मोटा मोटी दो मार्ग अपनाते हैं – किसी प्रशिक्षण कक्षा के सदस्य बन जाते हैं जहाँ व्याकरण के साथ साथ बोल चाल की भाषा भी सिखाई जाती है या लोगों से सुन कर, उनसे बात कर, उनसे पूछ कर शनै: शनै: बिना किसी ‘कोचिङ्ग’ के सीखते हैं। यहाँ प्रयास दूसरे मार्ग वाला है।
अत: इन वाक्यों को बोलने का अभ्यास करें। विविध शब्द रूपों को ध्यान से देखें एवं बिना त्रुटियों की चिन्ता किये इन वाक्यों के आधार पर अन्य वाक्य भी बनायें। करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान।
शब्दों से परिचय हेतु आप्टे का संस्कृत हिन्दी कोश एवं हिन्दी अनुवाद के साथ अमरकोश या नामलिङ्गानुशासन मोल लें एवं रिक्त समय में ऐसे ही देख कर शब्दों से परिचय बढ़ाते रहें।
आप के सुझावों का स्वागत है। नि:सङ्कोच बतायें।