नाम: पहाड़ी गिद्ध, हिमालयी गिद्ध, हिमालय पाण्डुर, बड़ा गिद्ध
वैज्ञानिक नाम: Gyps himalayensis
Kingdom: Animalia
Phylum: Chordata
Class: Aves
Order: Accipitriformes
Family: Accipitridae
Genus: Gyps
Species: Himalayensis
Population: Decreasing
Conservation Status: NT(Near Threatened)
आकार: लगभग 115-125 सेण्टीमीटर
प्रवास स्थिति: Winter Migrant, शीत ऋतु का प्रवासी
दृश्यता: कम दिखाई देने वाला
भोजन: मरे हुए पशुओं का मांस। ये स्वयं शिकार नहीं करते हैं।
निवास: यह ऊँचे पहाड़ों पर रहने वाला पक्षी है, जो सम्पूर्ण हिमालय में मिलता है।
वितरण: सम्पूर्ण हिमालय क्षेत्र, चीन, तिब्बत, नेपाल, भूटान। शीत ऋतु में भारत के मैदानी भागों में प्रवास करता है।
लैङ्गिक द्विरूपता: नर और मादा एक जैसे।
पहचान एवं रंग रूप: लम्बाई 4 फ़ीट। इसके सिर पर कुछ पीलापन लिए हुए श्वेत केशों की भाँति पर होते हैं। गले पर श्वेत रोम तथा चहुँओर नुकीले परों की कंठी होती है। पीठ के ऊपर का रंग भूरा होता है जिस पर मन्द भूरे रंग की धारियाँ होती हैं। पंख गहरे भूरे रंग के, परों के किनारों पर मन्द भूरी बिन्दियाँ होती हैं। डैने और पूँछ के पर कल्छौंह भूरे होते हैं। निचला भाग तनु भूरा एवं टाँगें मटमैली श्वेत होती हैं। रंग में खाकी तथा आकार में इस बड़े पहाड़ी गिद्ध को आकाश की ऊँचाई में चक्कर लगाते देखा जा सकता है। उड़ते समय इसके पंख कड़े तथा सीधे होते हैं जिसके कारण यह हवाई जहाज की भाँति दिखता है।
प्रजनन काल तथा घोंसला: जोड़ा बनाने का समय दिसम्बर से मार्च तक होता है। उस समय इसके 4 से 6 तक जोड़े किसी पहाड़ या जलमग्न चट्टान पर एक साथ घोंसले बनाते हैं। घोंसले देखने में भद्दे तथा छोटी टहनियों एवम् घास-फूस के बने होते हैं। समय आने पर मादा एक अण्डा देती है। अण्डा लम्बा और नुकीला होता है। अण्डे का रंग खाकी सफ़ेद होता है, कभी-कभी उन पर भूरी धारियाँ भी हो सकती हैं। अण्डों का आकार 3.75*2.75 इञ्च लगभग होता है।