भारतीय तथा अन्य नाम
हिन्दी एवं भोजपुरी : नीलसर, नीरागी, निराजी, निलरुगी, हिरागी, लिलगेह
संस्कृत : नीलग्रीव हंसक
कॉशुर (कश्मीरी) : پٔچھِن
सिन्धी : نيرڳ
नेपाली : हरियो टाउके
बांग्ला : নীলশির, নীলশির হাঁস
असमी : আমৰ’লীয়া হাঁহ
गुजराती : નીલશિર
मराठी : चतुरंग बदक
तमिळ : காட்டு வாத்து
वैज्ञानिक नाम (Zoological Name) : Anas platyrhynchos
Kingdom: Animalia
Phylum: Chordata
Class: Aves
Order: Anseriformes
Family: Anatidae
Genus: Anas
Species: platyrhynchos
गण-जाति : क्रडन
Clade: Duck like Bird
जनसङ्ख्या : वृद्धिमान
Population: Increasing
संरक्षण स्थिति (IUCN) : सङ्कट-मुक्त
Conservation Status (IUCN): LC (Least Concern)
वन्य जीव संरक्षण अनुसूची : ४
Wildlife Schedule: IV
नीड़-काल : अक्टूबर से नवम्बर में ध्रुवीय क्षेत्रों में एवं मई-जून में कश्मीर में।
Nesting Period: October – November in Polar region, May-June in Kashmir Region
आकार : लगभग २०-२६ इञ्च
Size: 20-26 in
प्रव्रजन स्थिति : शीत ऋतु का प्रवासी पक्षी।
Migratory Status: Migratory bird of winter
दृश्यता : सामान्य (प्राय: दृष्टिगोचर)
Visibility: Common
लैङ्गिक द्विरूपता : उपस्थित (नर और मादा भिन्न रूप)
Sexual Dimorphism: Present (Male and females are unalike)
भोजन : जलीय पौधे, घास, मृदु कोंपलें, जड़ें, पौधे, कीड़े-मकोड़े तथा लघु-मीन आदि।
Diet: Aquatic vegetation, Aquatic Animals.
अभिज्ञान एवं रङ्ग-रूप
Mallard नीलसर अपने नाम के अनुरूप ही नीले सिर वाली एक सुन्दर क्रडन (duck) है। इसके नर और मादा रङ्ग-रूप एवं आकार, दोनों ही में भिन्न होते हैं। नर की लम्बाई लगभग २४-२६ इञ्च होती है जबकि मादा इससे किञ्चित लघु होती है। नर के गले से सिर तक का भाग गहन कान्तिमय हरा होता है जिसके गले में एक श्वेत पट्टी होती है। इसकी चोंच पीली, वक्ष चटख कत्थई एवं पेट धूसर श्वेत होते हैं। मादा के रङ्ग में बहुत अंतर होता है जिसका ऊपरी भाग भूरा, पङ्ख तनु कत्थई, पेट तनु भूरा एवं चोंच भूरी होती है।
निवास
Mallard नीलसर का प्रवासकाल भारत में अक्टूबर से आरम्भ होकर मार्च के अन्तिम सप्ताह तक होता है। इस समय इनको कीचड़ तथा वनस्पतियों से सम्पन्न पुष्करों व जलाशयों में भोजन ढूँढ़ते या किसी किसी द्वीप-सम स्थान पर पर विश्राम करते देखा जा सकता है। ये अपना अधिकांश भोजन रात्रि में ही कर लेते हैं।
तापमान में वृद्धि के साथ ही ये लौटने लगते हैं। वैसे तो ये पञ्जाब, उत्तरप्रदेश, एवं बिहार में केवल शीत ऋतु में ही आते हैं परन्तु कश्मीर में पूरे वर्ष भी दिखाई पड़ सकते हैं। ये राजस्थान जैसे सूखे क्षेत्र एवं दक्षिण भारत में भी नहीं जाते हैं।
वितरण
शीत ऋतु में Mallard नीलसर का प्रवास भारत के अतिरिक्त पाकिस्तान, बाङ्गलादेश और म्यान्मार में होता है।
नीड़ निर्माण
उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्रों में इनके प्रजनन का समय अक्टूबर से नवम्बर तक होता है और कश्मीर में ये मई-जून में प्रजनन करते हैं । इनके नीड़ पानी के पास भूमि पर ही होते हैं जिन्हें ये घास-फूस से बनाते हैं और पङ्खों और तन्तुओं से मृदु कर लेते हैं। मादा एक बार में ८-१० अण्डे देती है। अण्डों का रङ्ग हरापन या पीलापन लिए हुए भूरा हो सकता है जिनका आकार लगभग ०२.२३ * १.६ इञ्च होता है।
सम्पादकीय टिप्पणी
संस्कृत में इनका सामान्य नाम कारण्डव है। इसे बन्धुर कारण्डव तथा मञ्जुप्लव भी कहते हैं – अथ बन्धुर: कारण्डव: प्लवो मञ्जु:।
प्रणयकाल में ये पक्षी बहुत अधिक ऊँचाई पर वृत्ताकार पथ पर उड़ते, कलरव एवं क्रीड़ा करते हुये पाये गये हैं। एक मादा को अनेक नर रिझाने के प्रयास करते हैं। इनकी यह क्रीड़ा नादावर्त्त कही गयी है –
हंसकारण्डवचक्रवाकादीनाम् व्योम्नि क्रीडतामावर्त्तो नादावर्त्त:।