पितृविसर्जन, नवरात्र, नवोन्मेष, उद्योग

पितृविसर्जन हो गया जो आगत एक वर्ष हेतु हमें अपने मूल से जोड़ उद्योग रत होने की ऊर्जा दे गया कि हम उन्नति करेंगे तो पितरों का भी सम्मान बढ़ेगा एवं वे ‘तृप्त’ होंगे। जहाँ यह पक्ष कर्मकाण्डीय तिलाञ्जलि द्वारा उनकी तृप्ति का प्रतीकात्मक आयोजन होता है, वहीं शेष वर्ष के 23 पक्ष अपने कर्मों द्वारा उन्हें तृप्त करने के होते हैं।

तीर्थंकर : अर्थ एवं काल

तीर्थंकर युधिष्ठिर की ७ पीढ़ी पश्चात सरस्वती नदी सूख गयी तथा गंगा  की अप्रत्याशित बाढ़ में हस्तिनापुर बह गया एवं पाण्डव राजा निचक्षु कौसाम्बी आ गये।

Varah Puran वराहपुराण [पुराण चर्चा – 1, विष्णु दशावतार तथा बुद्ध – 8]

नारद साक्षात यम से पूछते हैं कि वेदपवित्र जन से शूद्रों को बहिष्कृत कर रखा है। उनके लिये जो श्रेयस्कर है, जो हितकर कर्म हैं, बतायें, जो उन्हें करना चाहिये।

Valmiki Ramayan Sundarkand Valmikiya Ramayan वाल्मीकीय रामायण

Valmikiya Ramayan वाल्मीकीय रामायण -36, सुन्‍दरकाण्ड [हर्षविस्मितसर्वाङ्गी]

देवी देवताओं की ही भाँति वाहन बना निज आरोहण का प्रकट आह्वान था तो ‘शोभने’ सम्बोधन में मानों सङ्केत भी था कि ऐसा करना अशोभन होगा, मैं तो प्रस्तुत हूँ !

भारतीय मुसलमान एवं लड्डूगोपाल

समर्पणवादी बौद्धिकता का ऐसा उदाहरण विश्व इतिहास में ढूँढ़े नहीं मिलेगा। इसके दबाव में शिक्षित और बुद्धिजीवी वर्ग का बहुत बड़ा भाग ऐसा है जो नाम से हिंदू है परंतु अपने को हिंदू कहने में लज्जित अनुभव करता है। … भारतीय मुसलमान स्वयं मुसलमान बने रहते हुए हिन्दू प्रत्याशियों को ‘सेक्युलर’ होने  का प्रमाणपत्र बाँटता या छीनता रहता है।

वीर सावरकर — 1

बेड़ियों में बद्ध सावरकर ने हँसते हुए अंग्रेजी में उससे कहा, “नियति ने मुझे और तुम्हें पुन: मिलाया है जॉन। तुम्हें नासिक के भगूर गाँव की उस साँझ की स्मृति होगी, जब तुम ने गाँव के खेलते हुए बच्चों के हाथ से एक असि छीनी थी और कहा था यदि यह पूर्वजों की पराक्रमी असि तुम्हारी है तो कुछ पराक्रम कर दिखाओ! तो कहो मेरा पराक्रम कैसा लगा है तुम्हें?

Sanaatan Emerges as Science Moves On, Painful for the Scientist? सनातन बोध – 36

Post Modern Science Discoveries Resemblance to Sanaatana Knowledge. Is it Painful for Scientist? “…the main influence (on my work) is coming from Indian philosophy. I don’t know why. When I read it, I see that it very strongly fits into some quite modern schemes which appear in cosmology. …Many centuries before Greek philosophy appears, there were clever people who were just sitting and thinking — a lot of schools of people with very deep and profound thinking.” says Prof. Andrei Dmitriyevich Linde.

Rose-ringed Parakeet, Ring-necked Parakeet, तोता, राज शुक। चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सरयू आर्द्र भूमि, माझा, अयोध्या फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, September 19, 2018

Rose-ringed Parakeet / तोता / राज शुक

Rose-ringed Parakeet तोता अकेला ऐसा पक्षी हैं जो अपने भोजन को पैरों से पकड़कर चोंच तक ले जाता हैं। इनकी कर्कश प्रजनन काल में तनिक मधुर हो जाती है। तोते नीड़ का निर्माण नहीं करते हैं। अपितु तने के कोटर आदि में निवास करते हैं।

Gundestrup Cauldron

Gundestrup Cauldron Indian Connection गूण्डेस्ट्रप भगौने का भारत से सम्बन्ध

भारत से पश्चिम की दिशा में दो प्रमुख पथ थे। पहला ईरान तथा आगे की ओर, जहाँ सीरिया के संस्कृत नामधारी मितानी (Mitanni) शासक शताब्दियों तक राज्य करते रहे। दूसरा पथ यूरेशियन समभूमि तक जाने वाला मार्ग था जहाँ जाट और अन्य शक थे जो बौद्ध ग्रंथों का प्रसार चीन में, तथा पश्चिम दिशा में यूरोप में वैदिक ज्ञान का प्रसार किये।

पितृपक्ष या श्राद्धपक्ष – अन्धविश्वास नहींं, अमरत्व का आयोजन है।

देवताओं के समान्‍तर पितरों का अस्तित्त्व वृत्तीय सममिति में बना ही रहता है मानों ‘यिन यान’ हो । दिन देव, रात पितर; शुक्ल देव, कृष्ण पितर; उत्तरायण देव, दक्षिणायन पितर; देवयान पितृयान … सन्‍तुलित श्रद्धा के बहुआयामी विवरण विविध स्रोतों में मिलते हैं।

पुराण एवं इतिहास बोध

पुराण एवं इतिहास बोध : अपनी श्रद्धा, मान्यतायें, आग्रह, अहङ्कार, ममत्व; सब किनारे रख पढ़ें। आप नारद हो जाते हैं, जिससे कि कुछ नहीं छिपा। एक एक शब्द, एक एक घटना आप को अनंत से जोड़ने लगती है। जो अशुभ होगा, अवांछित लगेगा; वह भी वहाँ सोद्देश्य है। कहा भी गया है कि सित एवं असित दोनों से संसार है, उनसे ही पुराण हैं।

Grey Heron, खैरा बगुला। चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, समदा झील, सोहावल, फैजाबाद उत्तर प्रदेश, May 10, 2018

Grey Heron खैरा बगुला

सारस जैसा दिखाई देने वाला ये विशालकाय बगुला दिन और रात में समान रूप से देखने की क्षमता रखता है। प्रजनन के लिए नर की रूचि हर बार नयी मादा में ही होती है। पुराने समय में पश्चिमी जगत में ऐसी मान्यता भी थी कि यदि पूर्णिमा की रात्रि में इसका शिकार करके इसकी चर्बी प्रयोग में ली जाये तो संधिवात (गठिया) रोग को सही करता है। कभी-कभी यह अपने शिकार (मछली) आदि को एक बार में ही निगल जाता है जो इसके गले में फंस जाता है। इसके अच्छे शिकारी कौशल को देखते हुए मध्यकाल में इसका प्रयोग शिकारियों द्वारा प्रशिक्षण देकर किया जाता था।

Procrastination टालमटोल, दीर्घसूत्रता, आलस्य, प्रमाद; सनातन बोध – 28

Procrastination टालमटोल – विद्यार्थीं कुतो सुखः? – विद्यार्थियों का सन्दर्भ है तो इस शोधपत्र को विश्वविद्यालय में न्यूनतम उपस्थिति की अनिवार्यता के विरोध में प्रदर्शन एवं दीर्घ काल तक विश्वद्यालय में ही पड़े रहने के समाचारों से जोड़कर देखें तो?

Indian Whistling Duck, छोटी सील्ही। चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सरयू नदी का कछार, माझा, अयोध्या, फैजाबाद उत्तर प्रदेश, July 16, 2017

Lesser Whistling Duck / Indian Whistling Duck / छोटी सील्ही

Lesser Whistling Duck छोटी सील्ही एक कत्थई रंग की बारहमासी बत्तख है। यह पेड़ पर भी पर्याप्त समय बसेरा करती है अतः इसे पेड़ का बतख भी कहा जाता है। यह लगभग सम्पूर्ण भारत में पाई जाती है।

Valmiki Ramayan Sundarkand Valmikiya Ramayan वाल्मीकीय रामायण

आदिकाव्य रामायण से – 30, सुन्‍दरकाण्ड [अहं रामस्य संदेशाद्देवि दूतस्तवागतः]

आदिकाव्य रामायण , सुन्‍दरकाण्ड से : जाने कितने ताप भरे दिन बीते थे, शोक एवं प्रताड़ना के जाने कितने कर्कश शब्द सुनने के पश्चात कोई प्रियवादी कुशल क्षेम पूछने वाला मिला था, हर्षित सीता अपनी रामकहानी कहती चली गयीं … श्रीराम के बिना मुझे स्वर्ग में भी निवास भी नहीं रुचता – न हि मे तेन हीनाया वासः स्वर्गेऽपि रोचते।

पारसी - हिंदी - अंग्रेजी

हिंदी – संवैधानिक पृष्ठभूमि व स्थिति

हिंदी – संवैधानिक पृष्ठभूमि व स्थिति : यहाँ तक कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के प्राधिकृत अनुवाद भी नहीं छपते। क्या हमारी राजभाषा की यह अपमानजनक संवैधानिक स्थिति  स्वयं संविधान का ही घोर उल्लंघन नहीं? 

Little by little and bit by bit

लघु दीप अँधेरों में tiny lamps – 9

लघु दीप अँधेरों में : जो पुरुष शत्रुओं द्वारा दिये गये बिना लोहे का बना शस्त्र ग्रहण कर लेता है, वह साही के घर में प्रवेश कर हुताशन से बच जाता है। विचरण करते रहने से मार्गों का ज्ञान हो जाता है, नक्षत्रों से दिशा को जाना जाता है। अपने पाँच को पीड़ा पहुँचाने वाला पीड़ित नहीं होता।

अष्टाङ्ग योग का सप्तम सोपान - धारणा

अपेक्षाओं, मान्यताओं एवं कामोत्तेजना का प्रभाव – सनातन बोध – 27

अपेक्षाओं, मान्यताओं एवं कामोत्तेजना का प्रभाव : इस साधारण से प्रयोग के निष्कर्ष थे कि लोगों को पता नहीं होता कि कामोत्तेजना की अवस्था में उनके निर्णय लेने की क्षमता किस प्रकार परिवर्तित हो जाती है। वही व्यक्ति जब शांत अवस्था में हो एवं जब कामोत्तेजित अवस्था में, तो उसके सोचने की प्रवृत्ति पूर्णत: परिवर्तित हो जाती है।

तप नहीं तो कुछ भी नहीं

बहुत दिनों तक प्रगति का नेतृत्त्व पश्चिम ने किया, अब पुरातन एशियाई जगत भी आगे निकलने को अँगड़ाइयाँ लेने लगा है। प्रश्न यह है कि हम उनमें कौन हैं, कहाँ हैं, क्या कुछ अनूठा कर रहे हैं? जब मैं अनूठा कह रहा हूँ तो किसी बड़े प्रकल्प की बात नहीं कर रहा। मैं एक व्यक्ति के रूप में, परिवार के रूप में, संस्था के रूप में नवोन्मेष की बात कर रहा हूँ, साथ ही उस अनुशासन की भी जो कि न्यूनतम आवश्यकता है। देश बड़े तभी होते हैं जब उनके नागरिक बड़े होते हैं।