
पंडुक पण्डुक पँड़ुकी Laughing Dove। चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, बर्रा, कानपुर, उत्तर प्रदेश, March 03, 2020
भारतीय तथा अन्य नाम : पंडुक, पण्डुक, पँड़ुकी, छोटी फाख्ता, टूटरु फाख्ता, छोटी पेंडकी, धूम्र कपोतक, ખુમડી હોલી, હોલી, तपकिरी होला, व्हलगडम, छोटी कवडी, भोरी, തവിടൻ പ്രാവ്, கள்ளிப்புறா, சிரிக்கும் புறா, ಕಂದು ಬೆಳವ, হাসির ঘুঘু, धुसर ढुकुर
वैज्ञानिक नाम (Zoological Name): Spilopelia senegalensis
Kingdom: Animalia
Phylum: Chordata
Class: Aves
Order: Columbiformes
Family: Columbidae
Genus: Spilopelia
Species: S. senegalensis
गण-जाति : थल-प्रजनन पक्षी
Clade: Upland Ground Birds
जनसङ्ख्या : स्थिर
Population: Stable
संरक्षण स्थिति (IUCN) : सङ्कट-मुक्त
Conservation Status (IUCN): LC (Least Concern)
वन्य जीव संरक्षण अनुसूची : ४
Wildlife Schedule: IV
नीड़-काल : पूर्ण वर्ष
Nesting Period: All year
आकार : लगभग १० इंच
Size: 10 in
प्रव्रजन स्थिति : अनुवासी
Migratory Status: Resident
दृश्यता : सामान्य (प्राय: दृष्टिगोचर होने वाला)
Visibility: Common
लैङ्गिक द्विरूपता : अनुपस्थित (नर और मादा समान)
Sexual Dimorphism: Not Present (Alike)
भोजन : धरती पर पड़े हुए अन्न, बीज, शाक-सब्जी के टुकड़े, कीड़े-मकोड़े आदि।
Diet: Fallen seeds, vegetable matter, small ground insects such as termites and beetles.

पंडुक पण्डुक पँड़ुकी Laughing Dove। चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, बर्रा, कानपुर, उत्तर प्रदेश, March 03, 2020
अभिज्ञान एवं रङ्ग-रूप : पंडुक भारत वर्ष का बहुत प्रसिद्ध पक्षी है जिसे खेत-खलिहान, उपवन-वाटिका और मानव आवास के निकट देखा जा सकता है। कपोतक पक्षियों की यह सबसे छोटी प्रजाति है जिसका आकार लगभग १० इंच का होता है। अधिकांश शरीर का वर्ण भूरा होता है व डैने पर कृृृृृष्णधूूूूसर वर्ण के धब्बे होते हैं। मुण्ड, ग्रीवा तथा वक्ष सहित ऊर्ध्व भाग तनु ललछौंह होता है। वक्ष का अधोभाग किञ्चित श्वेत वर्ण लिए ललछौंह होता है। चोंच कृष्णवर्णी, नेत्र गहन भूरे वर्ण के, टाँगें गहन पाटलवर्णी और उनके नख कृष्ण वर्ण के होते हैं।

पंडुक पण्डुक पँड़ुकी Laughing Dove। चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, बर्रा, कानपुर, उत्तर प्रदेश, March 03, 2020
निवास : पंडुक भारत का बारहमासी पक्षी है जो देश से बाहर नहीं जाता है। यह बहुत निडर होता है इसलिए इसके अधिक समीप पहुँचने पर ही उड़ता है। इसे सघन वनों की अपेक्षा खेत-खलिहान, खुले मैदान और उपवन-वाटिकाएं आदि रुचिकर होते हैं, जहाँ इसे धरती पर चुगते देखा जा सकता है।
वितरण : पंडुक पण्डुक पँड़ुकी Laughing Dove का क्षेत्र उत्तर भारत का शुष्क भाग और गाङ्गेय समतल भागों से लेकर पूर्वोत्तर भारत तक। यह हिमालय में ५००० फीट की ऊँचाई तक पाया जाता है। भारत के अतिरिक्त यह पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी पाया जाता है।
प्रजनन काल तथा नीड़ निर्माण : पंडुक पण्डुक पँड़ुकी Laughing Dove का प्रजनन काल लगभग पूरे वर्ष भर होता है। अन्य कपोतक पक्षियों की भाँति इसका नीड़ भी तनु टहनियों और तिनकों से बना कुरूप और विकृत सा होता है। नीड़ निर्माण के लिए ये झाड़ियों, वृक्षों के नीचे की घनी शाखाओं, भवन की अट्टालिकाओं, ताखे आदि पर कहीं भी स्थान का चुनाव कर लेते हैं। समय आने पर मादा २ श्वेत कान्तियुक्त अण्डे देती है। अण्डों का आकार लगभग ०.१०० * ०.८५ इंच होता है।
सम्पादकीय टिप्पणी :
अपने स्वर के कारण इसे समवर्णी कपोतों से भिन्नता हेतु कलध्वनि नाम दिया गया है जिसकी संगति अंग्रेजी के laughing dove से बैठती है –
पाण्डुस्तु द्विविधो ज्ञेय: चित्रपक्ष: कलध्वनि: ।
(शब्दकल्पद्रुम)
अग्निपुराण के शकुनि कपोतत्रय पक्षियों में यह अपने दो सजातियों धवलपाण्डु और चित्रपक्ष के साथ उल्लिखित माना जाता है –
शतघ्नचटकश्यामचासश्येनकपिञ्जलाः ।
तित्तिरः शतपत्रञ्च कपोतश्च तथा त्रयः ॥ (२३०.१५)
फाख्ता फारसी नाम है जिसे जिहादी आक्रान्ताओं ने भारतीय पक्षी पर आरोपित कर दिया।
हमारे घर फाख्ता ने बच्चे दिए फाख्ता को बिल्ली खा गई बच्चे छोटे है बहुत क्या करना चाहिए?
बहुत ही रोचक जानकारी है। बहुत बहुत धन्यवाद ऐसे ही लेख प्रकाशित करते रहें।