पीलक Oriolus kundoo, Female मादा, चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh
वैज्ञानिक नाम: Oriolus kundoo
हिन्दी नाम: पीलक
संस्कृत नाम: काञ्चन, कांंचन
अंग्रेजी नाम: Indian Golden Oriole (Eurasian Golden Oriole)
चित्र स्थान और दिनाङ्क: अवधपुरी, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, 07/04/2017
छाया चित्रकार (Photographer): आजाद सिंह
Kingdom: Animalia
Phylum: Chordata
Class: Aves
Order: Passeriformes
Family: Oriolidae
Genus: Oriolus
Species: Oriolus
Category: Perching bird पेड़ पर रहने वाली चिड़िया
Wildlife schedule: IV
Visibility: सामान्य Common
वितरण और आवास:
प्रवासी भारतीय, वृक्षीय।
पीलक पूर्वोत्तर भारत को छोड़कर हमारे देश में प्रायः सभी स्थानों पर पाये जाते हैं। हिमालय में ये 2000 मीटर की ऊँचाई तक पाये जाते हैं। इसके अतिरिक्त पाकिस्तान, बँगलादेश और श्रीलंका में भी पाये जाते हैं, म्यान्मार में नहीं पाये जाते। ये उत्तरी भारत में ग्रीष्म ऋतु में प्रजनन के लिए आते हैं तथा बस्तियों के आसपास एवं खेतों के बड़े पेड़ों पर दिखाई देते हैं।
ये प्राय: जोड़ें में तथा कभी कभी 4-6 के झुण्ड में भी दिखते हैंं और एक शाखा से दूसरी पर फुदकते रहते हैंं। उद्यान, जंगल, वाटिका आदि स्थानों पर पाये जाते हैं। ये मानव बस्ती के निकट खेतों के पास के बड़े वृक्षों पर भी पाये जाते हैं।
आकार और आहार:
पीलक लगभग 25 सेंटीमीटर आकार का पक्षी है। यह द्विरूपी (Dimorphic) पक्षी है, नर एवं मादा अलग रूप रंग के होते हैं।
नर चमकीला सुनहला पीला होता है जिसकी आँखों के ऊपर काला चकत्ता होता है और पंख एवं पूँछ काले रंग के होते हैं। मादा का रंग हल्का और हरा तथा जैतूनी रंग लिये हुये होता है। नीचे की ओर रेखायें होती हैं।
इनका आहार कीड़े मकोड़े एवं फल फूल आदि हैैं।
प्रजनन:
इसके अण्डे देने का समय अप्रैल से जुलाई तक है। पीलक का घोंसला बहुत ही सुन्दर चषकाकार गहरा होता है। यह अपना घोंसला ऊँचे वृक्ष की किसी दुशाखी पत्तेदार टहनी पर चोटी के पास बनाती है जो मकड़ी के जाले और घास को मिला कर बनाया जाता है।
मादा एक बार में 2-3 तक अंडे देती है जो श्वेत, ललछौंह या काले बुन्दीदार होते हैं। नर और मादा दोनों ही मिलकर घोंसला बनाने से लेकर बच्चों को खिलाने तक का काम करते हैं।