भारतीय नाम : देयोरा, दिउली, दूरी, ऊसर बघेरी, जुठौली, दबक चिरई
वैज्ञानिक नाम : Eremopterix griseus
Kingdom: Animalia
Phylum: Chordata
Class: Aves
Order: Passeriformes
Family: Alaudidae
Genus: Eremopterix
Species: Griseus
Category: Perching Birds
जनसङ्ख्या : स्थिर
Population: Stable
संरक्षण स्थिति : सङ्कट-मुक्त
Conservation Status: NT (Least Concern)
वन्य जीव संरक्षण अनुसूची : ४
Wildlife Schedule: IV
नीड़ काल : सम्पूर्ण वर्ष
Nesting Period: Always
आकार : लगभग ५ इंच
Size: 5in
प्रव्रजन स्थिति : अनुवासी, यदा कदा स्थानीय प्रवास भी।
Migratory Status: Resident, Sometimes Local Migratory
दृश्यता : सामान्य (प्राय: दृष्टिगोचर होने वाला)
Visibility: Common
लैङ्गिक द्विरूपता : द्विरूप
Sexes: Unalike
भोजन : कीड़े-मकोड़े, बीज, अनाज के दाने।
Diet: Invertebrates, Seeds, Grains.
अभिज्ञान एवं रङ्ग-रूप : देयोरा (ऊसर बाघेरी ) लगभग ५ इंच की एक छोटी सी चिड़िया है। जिसके नर पक्षी के ऊपरी हिस्से का रंग धूसर भूरा और नीचे का रंग कत्थई भूरा होता है। पूंछ का रंग चटख भूरा और बीच के दोनों पंख हलके भूरे तथा बाहरी दोनों पंख तनु श्वेतवर्णी होते हैं। मादा में ऊपरी भाग, डैने तथा पूंछ का रंग गहरा भूरा। नीचे का भाग तनु भूरा। आँख की पुतली भूरी, चोंच तनु मटमैला पाटल तथा टांगे पाटलवर्णी होती हैं।
निवास : देयोरा भारत की बारहमासी चिड़िया है जो पूरे भारत में पाई जाती है और देश छोड़कर बाहर नहीं जाती है। ऊसर बाघेरी अपने नाम के अनुरूप खुले मैदानों और ऊसर क्षेत्र में रहने वाली चिड़िया है, इसे जंगल किञ्चित भी प्रिय नहीं है। इन्हें जोड़ा बनाने के समय जोड़े में तथा बाकि समय छोटे-छोटे झुण्डों में देखा जा सकता है।
वितरण : देयोरा पूरे भारत में पाई जाती है तथा भारत के अलावा श्रीलंका, पाकिस्तान में भी पाई जाती हैं तथा यह स्थानीय प्रवास भी करती है।
प्रजनन काल तथा नीड़ निर्माण : इसका प्रजनन का समय स्थान के अनुसार पूरे वर्ष होता है पर जनवरी से सितम्बर तक अधिक अनुकूल होता है। जिसके बीच मादा २ बार अण्डे देती है। इनका नीड़ जमीन पर किसी छिछले गड्ढे में होता है जिसे मुलायम घास एवं जड़ों से बनाया जाता है। सुरक्षा के लिए नीद को छोटे पत्थरों या मिटटी के टुकड़ों से घेर दिया जाता है। मादा एक बार में २-३ अण्डे देती है। अण्डे किञ्चित कांतिमय और प्रलम्ब होते हैं। अण्डों का आकार लगभग ०.७० *०.५० इंच का होता है। नर तथा मादा दोनों मिलकर अण्डों को सेने से लेकर बच्चों के लालन पालन का दायित्व उठाते हैं।