भारतीय तथा अन्य नाम
हिन्दी : चरचरी, चिचरी, धान चिड़ी, रुगैल, चुइँया, भारत तुलिका
गुजरती : દેશી ધાનચીડી, વીડ ધાનચીડી
मराठी : धान तिरचिमणी, पांथळ चरचरी
तमिल : நெல்வயல் நெட்டைக்காலி
मलयालम : വയൽ വരമ്പൻ
नेपाली : आली चुइयाँ
आङ्ल : Paddy-field Pipit, Oriental Pipit, Indian Pipit, Anthus rufulus
वैज्ञानिक नाम (Zoological Name) : Anthus rufulus
Kingdom: Animalia
Phylum: Chordata
Class: Aves
Order: Passeriformes
Family: Motacillidae
Genus: Anthus
Species: A. rufulus
गण-जाति : यष्टिवासी
Clade: Perching Bird
जनसङ्ख्या : स्थिर
Population: Stable
संरक्षण स्थिति (IUCN) : सङ्कट-मुक्त
Conservation Status (IUCN): LC (Least Concern)
वन्य जीव संरक्षण अनुसूची : ४
Wildlife Schedule: IV
नीड़-काल : फरवरी से अक्टूबर तक (मुख्यतया मार्च से जुलाई तक)
Nesting Period: February to October (Primarily, March to July)
आकार : लगभग ६ इंच
Size: 6 in
प्रव्रजन स्थिति : अनुवासी
Migratory Status: Resident
दृश्यता : सामान्य (प्राय: दृष्टिगोचर होने वाला)
Visibility: Common
लैङ्गिक द्विरूपता : अनुपस्थित (नर और मादा समरूप)
Sexual Dimorphism: Not Present (Alike)
भोजन : बीज, अन्न, कीड़े-मकोड़े।
Diet: Seeds, Insects.
अभिज्ञान एवं रङ्ग-रूप
Paddy-field Pipit चरचरी लगभग ६ इंच का एक चञ्चल पक्षी है जो समभूमि, धान के खेतों, वाटिकाओं आदि स्थानों पर कीड़े-मकोड़े पकड़ते हुए देखा जा सकता है। इसके नर और मादा अभिज्ञान में समान होते हैं। इसका ऊपरी भाग भूरा होता है तथा पंखों पर गहन चित्तियों के कारण चितकबरा दिखाई देता है। इसके नेत्रों के ऊपर एक तनु वर्ण की भूरी पट्टिका होती है जो सिर के पीछे तक जाती है। पूँछ का वर्ण भी गहन भूरा होता है। अंतिम सिरों पर पंख श्वेतवर्णी होते जाते हैं। समस्त अधोभाग तनु भूरे वर्ण का होता है जिस पर कृष्णवर्णी चित्तियाँ होती हैं। टाँगों का वर्ण पाटल एवं चञ्चु तथा नेत्रगोलक भूरे होते हैं।
निवास
चरचरी समभौमिक पक्षी है जिसे धान के खेतों, विस्तीर्ण क्षेत्रों, वाटिकाओं, जल स्रोतों के कूल पर या झाड़ियों पर बैठना रुचिकर है जहाँ इसे इधर-उधर फुदकते हुए बीज और कीड़े-मकोड़े पकड़ते देखा जा सकता है।
वितरण
चरचरी सम्पूर्ण भारत में हिमालय की २००० मीटर तक पाया जाता है। यह भारत के अतिरिक्त बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार और श्रीलंका में भी पाया जाता है।
प्रजनन काल तथा नीड़ निर्माण
चरचरी के प्रजनन का समय वैसे तो फरवरी से अक्तूबर तक होता है परन्तु यह मुख्यतया नीड़-निर्माण मार्च से जुलाई तक करता है। इसका नीड़ किसी झाड़ी में या घास में धरती पर ही बना होता है और द्रोणी के सदृश होता है। इसे शुष्क घास या नर्म मूल-पत्र आदि से बनाया जाता है। समय आने पर मादा ४-५ अण्डे देती है जो थोड़े चौड़े होते हैं और उन पर किञ्चित आभा भी होती है। अण्डों का वर्ण भूरा या हर्छौंह हो सकता है जिन पर गहरे भूरे वर्ण की चित्तियाँ होती हैं। अण्डों का आकार लगभग ०.८०*०.६० इंच तक होता है।