सनातन बोध : प्रसंस्करण, नये एवं अनुकृत सिद्धांत – 4

प्रतीत्यसमुत्पाद का सिद्धांत कहता है कि ब्रह्माण्ड में सब कुछ केवल दूसरी घटनाओं के कारण ही एक जटिल कारण-परिणाम के जाल में विद्यमान है। सनातन बोध : प्रसंस्करण, नये एवं अनुकृत सिद्धांत – 1  , 2 और  3 से आगे  … विकासवादी मनोविज्ञान की ही तरह आधुनिक जीव विज्ञान की व्याख्या सनातन सिद्धांतों से कुछ…

अवधी चिरइयाँ : कैमा (Porphyrio porphyrio)

वैज्ञानिक नाम: Porphyrio porphyrio हिन्दी नाम: कैमा ,खरीम ,कलीम संस्कृत नाम: राजीव अम्बुकुक्कुटी अंग़्रेजी नाम: Western Swamphen, Purple Moorhen, Purple Coot चित्र स्थान और दिनाङ्क: माझा, सरयू नदी का किनारा, अयोध्या, 09/04/2017 छाया चित्रकार (Photographer): आजाद सिंह Kingdom: Animalia Phylum: Chordata Class: Aves Order: Gruiformes Family: Rallidae Genus: Porphyrio Species: Porphyrio Wildlife schedule: IV कैमा…

सनातन बोध : प्रसंस्करण, नये एवं अनुकृत सिद्धांत – 3

आधुनिक विकासवादी मनोविज्ञान मानव की वर्तमान अवस्था को जिन पूर्वाग्रहों और असंतोष से पीड़ित बताती है उनका कोई सटीक हल नहीं बताती। यदि हम विश्व के दर्शनों में इसका हल ढूँढना चाहें तो आत्मनियंत्रण और प्राचीन भारत के ऊपर वर्णित सिद्धांतों से उत्तम हल कहीं नहीं मिलता और आधुनिक विज्ञान इसका समर्थन करता है।

राष्ट्र की शक्ति पूजा: अपारंपरिक युद्ध एवं भारत के विशेष बल

विदेशी अभियानों के अतिरिक्त भारतीय स्पेशल फ़ोर्स ने पाकिस्तान के साथ प्रत्येक युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्पेशल फ़ोर्स थलसेना का ही अंग नहीं अपितु भारतीय नौसेना और वायुसेना के पास भी है। नौसेना में इसे मार्कोस (MARCOS) तथा वायुसेना में गरुड़ बल के नाम से जाना जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा दल (NSG) आंतरिक आतंकवादी गतिविधियों एवं बंधक जैसी परिस्थितियों ने निबटने के लिए गठित की गयी थी।

अवधी चिरइयाँ : करांकुल (Pseudibis papillosa)

लाल-नैप आइबिस लम्बे पैरों वाला एक बड़ा काला पक्षी है जिसकी चोंच लम्बी और नीचे को झुकी हुई, पंख और पूँछ नीले-हरे रंग की चमक के साथ काले जबकि गर्दन और शरीर भूरे रंग के होते हैं। इसके कंधे पर एक सफेद धब्बा और सिर के ऊपर चमकीली लाल त्वचा का एक भाग होता है जिसके कारण ही इसका नाम पड़ा है। इसके विकसित बच्चे भूरे रंग के और प्रारम्भ में नंगे सिर वाले होते हैं।

पंथ निरपेक्षता और संविधान

अब्राहमिक सम्प्रदायों में एकाधिकार की वृत्ति है, जिससे राजनैतिक महत्वाकांक्षा पनपती है स्वाभाविक रूप से ऐसी सांप्रदायिक-राजनैतिक व्यवस्था में अन्य धर्मों के अस्तित्व के लिए सेक्युलरिज्म की नितांत आवश्यकता है। किन्तु भारतीय धर्मों में इस एकाधिकार की वृत्ति और उससे पनपने वाली राजनैतिक महत्वाकांक्षा के सामान्यतः अभाव के बावजूद सेक्युलरिज्म की अवधारणा को पाश्चात्य सन्दर्भ में भारतीय राजनीति में अनावश्यक रूप से ठूँसा गया।

संस्कृते अङ्कानांसंख्यानांच प्रयोगः

संस्कृते अङ्कानांसंख्यानांच प्रयोगः – संस्कृत तकनीकी ग्रंथों में अङ्‌क सङ्‌ख्या प्रयोग

संस्कृते अङ्कानांसंख्यानांच प्रयोगः संस्कृत तकनीकी ग्रन्थेषु  यथा ज्योतिष शास्त्रे, शुल्ब सूत्रे, आयुर्वेदे प्रायः अङ्कानां संख्यानां च प्रयोगे एका विशिष्टा शैली उपयुज्यते । अद्य एतोपरि चर्चा तथा उदाहरेण अवगन्तुं प्रयासं करिष्यामः । संस्कृतग्रन्थेषु गणितसंबन्धिने  बहुधा छन्दप्रयोगः अभवत्, पद्यरुपाः अस्माकं ग्रन्थाः । छन्दबाहुल्यः संस्कृत परम्परायाः विशिष्टता अस्ति, बहवः प्रकारकाः छन्दाः भवन्ति । गायत्रीत्रिष्टुप्अनुष्टुप इत्यादि विभिन्न छन्दानां नामाः…

राष्ट्र की ‘शक्ति’ पूजा

राष्ट्र की ‘शक्ति’ पूजा : मौलिक कल्पना

राष्ट्र की ‘शक्ति’ पूजा :शक्ति निस्तेज है यदि वह सैन्यबल का समुचित उपयोग न कर सके। यह मौलिक शक्ति कल्पना महती आवश्यकता है।

वैदिक साहित्य – 1

वैदिक साहित्य चेतना के स्तर अनुसार वेदों के मंत्र अपने कई अर्थ खोलते हैं। कतिपय विद्वानों की मान्यता है कि किसी श्रुति के छ: तक अर्थ भी किये जा सकते हैं – सोम चन्द्र भी है, वनस्पति भी है, सहस्रार से झरता प्रवाह भी। वेदों के कुछ  मंत्र अतीव साहित्यिकता लिये हुये हैं। इस शृंखला…

सनातन बोध : प्रसंस्करण, नये एवं अनुकृत सिद्धांत – 2

बुद्ध द्वारा प्रस्तावित निवारण की विधियाँ मस्तिष्क की इस क्रमिक विकास से हुई परिणति से विपरीत उसे उलटी गति में ले जाकर सत्य का आभास कराती हैं। विकासवादी मनोविज्ञान और इस सनातन दर्शन में क्या एक ही बात नहीं है?

स्वास्थ्य बीमा सुवाह्यता (Health Insurance Portability)

वर्ष 2011 में भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) ने भारत में लगभग हर प्रकार के बीमे पर यह सुविधा उपलब्ध करवा दी कि यदि कोई अपनी वर्तमान बीमा कंपनी से संतुष्ट नहीं है तो वह वर्तमान बीमा कंपनी से अपना बीमा नयी कंपनी में ले जा सकता है अर्थात पोर्ट करवा सकता है।

अवधी चिरइयाँ : पपीहा (Hierococcyx varius)

वैज्ञानिक नाम: Hierococcyx varius हिन्दी नाम: पपीहा, अन्य नाम: कपक, उपक, भुराव चोकगल्लो(बंगाल) अंग़्रेजी नाम: Common hawk-cuckoo, Brainfever bird चित्र स्थान और दिनाङ्क: सरयू का कछार क्षेत्र, अयोध्या, 16/04/2017 छाया चित्रकार (Photographer): आजाद सिंह Kingdom: Animalia Phylum: Chordata Class: Aves Order: Cuculiformes Family: Cuculidae Genus: Hierococcyx Species: Varius Category: Perching Bird Wildlife schedule: IV विवरण:…

सनातन धर्म

सनातन धर्म का प्रसार आवश्यक – अंतिम भाग: [मूल – मरिया विर्थ, अनुवाद – भूमिका ठाकोर]

सनातन धर्म का प्रसार आवश्यक : यह लेख Maria Wirth के मूल आलेख ‘Hindu Dharma needs to spread‘ का अनुवाद है। मूल आलेख यहाँ देखा जा सकता है: https://mariawirthblog.wordpress.com/2016/09/02/hindu-dharma-needs-to-spread/। दो भागों में प्रस्तुत किये गये इस आलेख में लेखिका ने बहुत ही सरलता से सनातन धर्म के विरुद्ध जारी षड़यंत्र और धर्म के प्रसार की…

कौटलीय अर्थशास्त्रे शब्दप्रयोगाः

मम लेखस्य विषयः कौटलीय अर्थशास्त्रे कतिपय राजपदानाम्, कर्तव्यानाम्, वस्तूनाम् चार्थे प्रयुक्ताः विभिन्नाः अप्रसिद्ध शब्दाः। वयं जानीमः शब्दार्थाः परिवर्तनशील सन्ति कालेन सह तेषां अर्थाः परिवर्तयन्ति (अर्थशास्त्रस्य कालखण्ड तृतीय-चतुर्थ शताब्दि ईसा पूर्वं मन्यन्ते) अतः शब्दानाम् अर्थे अधुनातः वैचित्र्यं लभ्यते। कतिचन् शब्दाः मम ध्यानाकर्षण अकुर्वन् अर्थशास्त्रे तेषां प्रयोगात् अधुना वयं अपरिचितः च अस्तु एषः लेखः। प्रथमे अधिकरणे आचार्यः…

अवधी चिरइयाँ : धनेश (Ocyceros birostris)

धनेश मादा पेंड़ के छेद में अंदर चली जाती है और अपने मल से प्रारम्भ के 2-3 दिन घोंसले के छेद को बंद करने में लगाती है। इसकी बीट बहुत लिसलिसी होती है जोकि सूख जाने पर मिटटी के ढेले जैसी कठोर हो जाती है। नर घोंसले के छेद को सील कर देता है जिसमें केवल मादा की चोंच निकलने भर का छिद्र रह जाता है जिससे वह उसे भोजन चुगाता रहता है। मादा अपने सारे पंख उखाड़कर घोंसले से बाहर फेंक देती है ताकि भीतर बच्चों के लिये आवश्यकता भर स्थान उपलब्ध हो सके।

Iron Supplement Circle: ‘लौह भस्म’ to Iron Fish

प्राण, Food & Nutrients Ever since we adopted western hygiene hypothesis and germ phobia, we started losing many simple but profound cooking practices. On top of it, our plates only receive food grown using chemicals (pesticides and fertilizers).  We forgot to take help of naturally available soil bacteria(s) who can convert raw प्राण from सूर्य…