वीर सावरकर — 1

बेड़ियों में बद्ध सावरकर ने हँसते हुए अंग्रेजी में उससे कहा, “नियति ने मुझे और तुम्हें पुन: मिलाया है जॉन। तुम्हें नासिक के भगूर गाँव की उस साँझ की स्मृति होगी, जब तुम ने गाँव के खेलते हुए बच्चों के हाथ से एक असि छीनी थी और कहा था यदि यह पूर्वजों की पराक्रमी असि तुम्हारी है तो कुछ पराक्रम कर दिखाओ! तो कहो मेरा पराक्रम कैसा लगा है तुम्हें?

Sanaatan Emerges as Science Moves On, Painful for the Scientist? सनातन बोध – 36

Post Modern Science Discoveries Resemblance to Sanaatana Knowledge. Is it Painful for Scientist? “…the main influence (on my work) is coming from Indian philosophy. I don’t know why. When I read it, I see that it very strongly fits into some quite modern schemes which appear in cosmology. …Many centuries before Greek philosophy appears, there were clever people who were just sitting and thinking — a lot of schools of people with very deep and profound thinking.” says Prof. Andrei Dmitriyevich Linde.

Rose-ringed Parakeet, Ring-necked Parakeet, तोता, राज शुक। चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सरयू आर्द्र भूमि, माझा, अयोध्या फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, September 19, 2018

Rose-ringed Parakeet / तोता / राज शुक

Rose-ringed Parakeet तोता अकेला ऐसा पक्षी हैं जो अपने भोजन को पैरों से पकड़कर चोंच तक ले जाता हैं। इनकी कर्कश प्रजनन काल में तनिक मधुर हो जाती है। तोते नीड़ का निर्माण नहीं करते हैं। अपितु तने के कोटर आदि में निवास करते हैं।

Gundestrup Cauldron

Gundestrup Cauldron Indian Connection गूण्डेस्ट्रप भगौने का भारत से सम्बन्ध

भारत से पश्चिम की दिशा में दो प्रमुख पथ थे। पहला ईरान तथा आगे की ओर, जहाँ सीरिया के संस्कृत नामधारी मितानी (Mitanni) शासक शताब्दियों तक राज्य करते रहे। दूसरा पथ यूरेशियन समभूमि तक जाने वाला मार्ग था जहाँ जाट और अन्य शक थे जो बौद्ध ग्रंथों का प्रसार चीन में, तथा पश्चिम दिशा में यूरोप में वैदिक ज्ञान का प्रसार किये।

पितृपक्ष या श्राद्धपक्ष – अन्धविश्वास नहींं, अमरत्व का आयोजन है।

देवताओं के समान्‍तर पितरों का अस्तित्त्व वृत्तीय सममिति में बना ही रहता है मानों ‘यिन यान’ हो । दिन देव, रात पितर; शुक्ल देव, कृष्ण पितर; उत्तरायण देव, दक्षिणायन पितर; देवयान पितृयान … सन्‍तुलित श्रद्धा के बहुआयामी विवरण विविध स्रोतों में मिलते हैं।

Narad Puran नारदपुराण [पुराण चर्चा – 1, विष्णु दशावतार तथा बुद्ध – 7]

विष्णु के नयनों के जल से बिन्दुसर जिसमें स्नान से शङ्कर के हाथ से ब्रह्मा का कपाल छूटा, कपालमोचन तीर्थ बना। विष्णु काशी में बिन्‍दुमाधव नाम से विराजमान हुये

Cruel to Be Kind हितकर कठोरता : सनातन बोध – 35

संसार में कुछ भी आनन्‍ददायक तब तक नहीं, जब तक हम उसमें पारङ्गत नहीं हो जाते और किसी भी विषय में पारङ्गत होने के लिए कठिन परिश्रम आवश्यक है।

Valmiki Ramayan Sundarkand Valmikiya Ramayan वाल्मीकीय रामायण

वाल्मीकीय रामायण से – 35, सुन्‍दरकाण्ड [रामस्य शोकेन समानशोका]

रामस्य शोकेन समानशोका … हे वानर ! जो तुमने यह कहा कि राम का मन अन्य की ओर लगता ही नहीं एवं वे शोकनिमग्न रहते हैं, वह मुझे विषमिश्रित अमृत के समान लगा है ।

Crested Serpent Eagle शिखी सर्प चील

महाभारत में जिन्हें नागाशी की संज्ञा दी गई है, वे ये पक्षी हो सकते हैं। सुवर्णचूडो नागाशी दारुणश्चण्डतुण्डकः । अनलश्चानिलश्चैव विशालाक्षोऽथ कुण्डली ॥

… विद्यालय खुला हुआ है!

परित्यक्त भवन में ही सही, मैंने विद्यालय खुला रखा है। कन्हैया हो या कृष्णा, पढ़ने आ सकते हैं। इस आशा के साथ कि आप का कार्यालय भी खुला हुआ है।

कृष्ण जन्माष्टमी व पुराण

कृष्ण जन्माष्टमी व पुराण

श्रीकृष्ण, एक नाम जिसने सम्पूर्ण भारत के स्नेह को स्वयं में सहस्राब्दियों से समाहित कर रखा है। कान्ह, कान्हा, कन्हैया, ठाकुर जी, रसिया, गोविन्‍द, रणछोड़, भगवान जैसे नामों से लोक में पुकारे जाते श्रीकृष्ण के विराट महामानवी रूप की परास ऐसी है कि वह प्रत्येक वय, प्रत्येक भाव, प्रत्येक कर्म को समो लेती है।

Tiny Lamps लघु दीप – 16

प्राकृत सुभाषित – चारित्र, ज्ञान, क्रिया एवं दु:खनाश असुहादो विणिवित्ती, सुहे पवित्ती य जाण चारित्तं । [द्रव्यसंग्रह] अशुभ से निवृत्ति एवं शुभ में प्रवृत्ति ही चारित्र है। चारित्तं खलु धम्मो । [प्रवचनसार] यथार्थत: चारित्र ही धर्म है। नाणंमि असंतंमि, चारित्तं वि न विज्जए । [व्यवहार भाष्य] ज्ञान के अभाव में चारित्र भी नहीं है । जेण…

Agni Puran अग्निपुराण [पुराण चर्चा – 1, विष्णु दशावतार तथा बुद्ध – 6]

Agni Puran अग्निपुराण : अश्वशिर (हयग्रीव) एवं दत्तात्रेय, दो अन्य नाम हैं जो अन्य पुराणों की अवतार सूचियों में उपस्थित रहे हैं।

Lion Lights उपाकर्म, उपक्रम, नवोन्मेष

Lion Lights देश विदेश की राजनीति, क्रिकेट, सिनेमा, जाति उत्थान आदि, ढेर सारी बड़ी भारी समस्याओं के बीच से यह लघु प्रश्न चीख रहा है, आप उत्तर देंगे?

White Eyed Buzzard, Butastur Teesa, तीसा, श्वेतनेत्र गरुड, पुण्डरीकाक्ष सरट-सुपर्ण। चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सरयू आर्द्र भूमि, माझा, अयोध्या फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, June 03, 2018

White-Eyed Buzzard, तीसा, पुण्डरीकाक्ष सरट-सुपर्ण

श्वेत या तनु पीताभ आँखों की पुतलियों के कारण ही इसे पुण्डरीकाक्ष कहा गया है। श्येन सम किसी भी पक्षी की आँखें ऐसी नहीं होतीं।

Can Shame be Useful ? लज्जा का नियतभाव एवं धर्म : सनातन बोध – 33

Can Shame be Useful? लज्जा के विधायी प्रभाव एवं धर्म। मानव व्यवहार में परिवर्तन हेतु तर्कपूर्ण आंकड़ों और तथ्यों से अधिक प्रभावी सामाजिक संस्कार ही होते हैं। अध्ययन का सबसे रोचक निष्कर्ष यह था कि जो लोग अल्पाल्प नियंत्रण में रहते हैं, जिनके बन्धन और दायित्व अपेक्षतया न्यून होते हैं अर्थात जो व्यक्तिगत रूप से अधिक स्वतंत्र हैं उनके आत्महत्या करने की सम्भावना उतनी ही प्रबल भी होती है।

प्राकृत सुभाषित : Tiny lamps लघु दीप – 15

वाद विवाद की औपनिषदिक परम्परा में समुचित उत्तर नहीं दे पाने वाले के सिर कट कर गिर जाने के उल्लेख मिलते हैं या चेतावनियाँ भी।

Accipter badius शिकरा (सञ्चाण, Shikra, संचान, चिपका, चीपक)

Accipter badius शिकरा : अपने से बड़े पक्षियों का भी आखेट करने में समर्थ होता है। आहार एवं वास के अनुसन्‍धान में अल्प दूरी तक स्थानीय प्रवास भी करता है।

Navara Nivar नवरा : शोकनाशिनी की गोद में

चरक सूत्र के औषधीय अन्नों में नीवार की चर्चा है। सम्भव है कि केरल का नवरा ही चरक का नीवार हो। तब तो परम्परा से भी यह धान ‘सिद्ध’ है।