भारतीय नाम : चंदियार, चंदना, चंदियारी मदनचुर, गघैल, बिसहिना, छोटा हड्गिल्ला, छोटा चमरघेंच, छोटा गरुड़, श्वेताक्ष वृहद बक
वैज्ञानिक नाम : Leptotilos javanicus
अन्य नाम : Lesser Adjutant, Leptoptilos Javanicus
Kingdom: Animalia
Phylum: Chordata
Class: Aves
Order: Ciconiiformes
Family: Ciconiidae
Genus: Leptotilos
Species: Javanicus
Category: Wader Birds (बगुले जैसा पक्षी )
जनसङ्ख्या : ह्रासमान
Population: Decreasing
संरक्षण स्थिति : असुरक्षित
Conservation Status: VU (Vulnerable) IUCN Red List
वन्य जीव संरक्षण अनुसूची : ४
Wildlife Schedule: IV
नीड़ काल : सितम्बर से दिसम्बर तक
Nesting Period: September to December
आकार : लगभग ५५ इंच
Size: 55in
प्रव्रजन स्थिति : स्थानीय प्रवासी
Migratory Status: Resident
दृश्यता : असामान्य (अत्यल्प दृष्टिगोचर होने वाला)
Visibility: Very less
लैङ्गिक द्विरूपता : समरूप (नर का शरीर मादा से भारी)
Sexes: Alike (Males tend to be larger and heavier billed)
भोजन : मछली, मेढक, छिपकली, सर्प, घोंघे, बड़े कीड़े-मकोड़े आदि।
Diet: Fish, frogs, reptiles, large invertebrates, rodents, small mammals etc.
अभिज्ञान एवं रङ्ग-रूप : चंदियार लगभग ५५ इंच ऊँचा पक्षी है। इसका ऊर्ध्व भाग कृष्ण वर्णीय, अधोभाग श्वेत, सर खल्वाट (बिना पर वाला ) होता है। इसके गले के समीप इसके निकट सजातीय पक्षी ग्रेटर एडजुटेंट (हरगिला) के समान गले के नीचे लटकती हुई हवा की थैली नहीं होती है। इसकी चोंच बहुत भारी और लम्बी होती है। नेत्र गोलक पीत वर्णीय और गला स्वर्ण पीत वर्णीय होते हैं। नर और मादा समरूप परन्तु मादा नर की तुलना में छोटी होती है।
निवास : चंदियार पक्षी वर्षा ऋतु के आरम्भ में ही उत्तर भारत में दिखाई पड़ता है परन्तु संख्या में अल्प होने के कारण अत्यल्प ही दृष्टिगोचर होता है। इसे महराजगंज में तो गिद्धों और घोंघिल के साथ देखा गया गया है। इसे बस्ती के निकट और घने जंगलों के बीच के जलाशयों आदि पर आखेट करते या किसी वृक्ष पर विश्राम करते देखा जा सकता है।
वितरण : चंदियार पक्षी उत्तर भारत में अब अत्यल्प दृष्टिगोचर होता है। निचलौल के जंगल में मात्र २ पक्षी दिखाई दिए हैं परन्तु बिहार के भागलपुर जिले के नवगछिया प्रखण्ड के कदुवा-दियारा गाँव में इनके नीड़ देखे गए हैं, जहाँ इनकी सङ्ख्या ३० से अधिक है। इसके अतिरिक्त असम भी इनका प्रजनन क्षेत्र है जहाँ ये सदैव वर्षा के पश्चात नीड़ बनाते हैं। ये भारत के अतिरिक्त कम्बोडिया, श्रीलंका और बांग्लादेश में भी पाए जाते हैं। विश्व में इनकी अनुमानित संख्या ५५००-१०००० के बीच ही है।
प्रजनन काल तथा नीड़ निर्माण : चंदियार के प्रजनन का समय सितम्बर से दिसम्बर तक होता है। इस समय ये किसी प्रशस्त ऊँचे वृक्ष की ऊपर की शाखाओं से एक विशाल एवं कुरूप सा नीड़ बना लेते हैं। एक वृक्ष पर एकाधिक या अनेक नीड़ भी हो सकते हैं। समय आने पर मादा उनमें ३-४ अण्डे देती है जिनका वर्ण प्रारम्भ में श्वेत होता है परन्तु कुछ दिवस उपरान्त वे किञ्चित श्याव, भूरे वर्ण के हो जाते हैं। अण्डों का आकार लगभग २.८५*२.१० इंच का होता है।
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