नाम: कमेरा बुलबुल, सिपाही बुलबुल, नारद बुलबुल (मराठी), कृष्णचूड़, रक्त श्मश्रु गोवत्सक (संस्कृत), Red Whiskered Bulbul, Crested Bulbul
वैज्ञानिक नाम: Pycnonotus jocosus
Kingdom: Animalia
Phylum: Chordata
Class: Aves
Order: Passeriformes
Family: Pycnonotidae
Genus: Pycnonotus
Species: jocosus
Category: Perching bird
Population: Decreasing
Wildlife schedule: W L schedule VI
आहार: मृदु एवं मीठे फल, पीपल, बरगद आदि के गोदे तथा कीड़े मकोड़े।
आवास: इसे घने वन प्रांतर नहीं भाते। झाड़ियों से भरे हुए मैदान, उद्यान, बस्तियों के आसपास के खेत एवं खुले सपाट क्षेत्र प्रिय हैं। यह बहुत ही प्रसन्न रहने वाली चिड़िया है जो मीठी बोली बोलती है तथा जिस स्थान से इसे लगाव हो जाता है वहाँ इसे बहुतायत में देखा जा सकता है।
वितरण: यह राजस्थान के मरुस्थल को छोड़कर पूरे भारतवर्ष में, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में भी कुछ स्थानों पर तथा हिमालय क्षेत्र में 2000 मीटर की ऊँचाई तक पाये जाने के साथ साथ, चीन, बांग्लादेश एवं म्यान्मार में भी पाई जाती है। उत्तर के पक्षियों को तराई एवं मैदानों में रहना प्रिय है जबकि दक्षिण के पक्षियों को पर्वतीय क्षेत्र प्रिय हैं।
यौन द्विरूपता: अनुपस्थित, नर और मादा एक जैसे होते हैं।
रङ्ग रूप: यह बुलबुल अपनी नुकीली चोंच, कपोल के लाल गलमुच्छों (श्मश्रु) एवं पूँछ के नीचे लाल रंग के कारण सरलता से लक्षित किया जा सकता है। सिपाही बुलबुल लगभग 8 इंच का सुन्दर बुलबुल है। इसके शरीर का ऊपरी भाग बादामी भूरा होता है, पूँछ एवं डैनों पर भूरा हो जाता है। नीचे का भाग श्वेत होता है जिससे पार्श्व में दोनों ओर किञ्चित भूरेपन की झलक रहती है। सिर का भाग कल्छौंह भूरा होता है जो गले के नीचे तक प्रसार लिये होता है। आँख के नीचे पतली सफ़ेद धारी होती है जो दोनों गालों पर गलमुच्छों की भाँति उभार लिये होती हैं। आँखों की पुतलियाँ भूरी एवं चोंच तथा पैर काले होते हैं।
प्रजनन काल तथा घोंसला: इसके घोंसला बनाने का समय फ़रवरी से अगस्त तक होता है। उस समय यह घास-फूस, पतली जड़ों तथा रेशे से सुन्दर कटोरी समान घोंसला बनाती है जिसका अंतर्क्षेत्र मृदु घास के प्रयोग द्वारा सुखद बना दिया जाता है। घोंसले किसी झाड़ी या झुरमुट में 4-5 फ़ुट की ऊँचाई पर रहते हैं, समय आने पर मादा इसमें 3-4 अंडे देती है जिनका रंग गुलाबीपन लिये हुये श्वेत होता है। अण्डों पर लाल कत्थई, बैगनी एवं गाढ़ी भूरी चित्तियाँ तथा बिंदियाँ पड़ी होती हैं। अण्डों का आकार लगभग 0.85×0.65 इञ्च होता है।