भारतीय नाम: तोता, मिट्ठू, लिबर तोता, लहबड़ तोता, सुग्गा, पोपट (मराठी ), पटल कंठक, राज शुक।
वैज्ञानिक नाम: Psittacula krameri
Kingdom: Animalia
Phylum: Chordata
Class: Aves
Order: Psittaciformes
Family: Psittacidae
Genus: Psittacula
Species: Krameri
Category: Perching bird
जनसँख्या: वर्धमान
Population: Increasing
संरक्षण स्थिति: सङ्कटमुक्त
Conservation Status: LC (Least Concern)
वन्य जीव संरक्षण अनुसूची: ४
Wildlife Schedule: IV
नीड़ निर्माण का समय: फरवरी से मई तक
Nesting Period: February to May
आकार: १७ इंच
Size: 17 inch
प्रवास स्थिति: प्रवासी
Migratory Status: Resident
दृश्यता: सामान्य (प्राय: दिखाई देने वाला)
Visibility: Common
लैङ्गिक द्विरूपता: उपस्थित
Sexes: Unalike
भोजन: अन्न, फल आदि ।
Diet: Grains, Fruits etc.
तथ्य: तोते अकेले ऐसे पक्षी हैं जो अपने भोजन को पैरों से पकड़कर चोंच तक ले जाते हैं। ये मनुष्य की बोली की अनुकृति कर बोलना सीख जाते हैं जिस कारण से लोग इन्हें घरों में भी पालते हैं।
अभिजान एवं एवं रंग रूप: यह भारत का बहुत ही चिह्नित, प्रसिद्ध एवं सुन्दर पक्षी है जो प्राय: समूह में पाया जाता है। हरा रंग, हुक की भाँति टेंंढ़ी एवं लाल चोंच, लम्बी पूँछ, तीव्र गति की उड़ान एवं तीक्ष्ण कर्कश रव इसके अभिजान हैं। इस तोते के परों पर पहाड़ी तोते की भाँति लाल रंग का चित्ता नहीं पाया जाता है। इसकी लम्बाई लगभग १६ इन्च होती है। नर का ऊपरी भाग चमकीला हरा, दोनों पंखों का रंग तनु नीलाभ, पूँछ के बीच के पंख हरे, आगे नीलाभ और किनारे के पर हरे होते हैं। नथुने से आँखों तक एक कल्छौंह रेखा तथा गले के चारो ओर एक पाटल पट्टी होती है। मादा में यह पट्टी नहीं होती है। ऊपरी चोंच रक्तवर्णी तथा नीचे की चोंच कल्छौंह और टाँगे धूसर होती हैं।
निवास: यह पेड़ों पर रहने वाला पक्षी है जो उद्यानों एवं और खेतों में प्राय: फल और अन्न की बालियाँ खाते हुए मिल जाता है। कभी-कभी दाना चुगने ये भूमि पर भी उतरते हैं पर लम्बी पूँछ एवं अंगूठे के आगे-पीछे होने के कारण भूमि पर बैठने में कठिनाई होती है। पंजों की विशेष गढ़न के कारण ही ये एक पैर से आसन सँभालते दूसरे से फल और बालियाँ पकड़कर सुखपूर्वक खाते हैं। साँझ की गोधुली बेला में इनके समूह तीव्र गति से से अपने नीड़ संकुल जी दिशा में उड़ते हुए देखे जा सकते हैं। इनका कर्कश स्वर प्रजनन काल में मधुर हो जाता है।
वितरण: सम्पूर्ण भारत वर्ष में और हिमालय में २००० मीटर की ऊँचाई तक, बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका और म्यांमार तक।
प्रजनन काल तथा नीड़ निर्माण: सामान्यत: इनका प्रजनन कल फ़रवरी से मई तक का होता है पर मार्च में अधिक अण्डे देखे गए हैं। तोते नीड़ का निर्माण नहीं करते हैं। ये पुराने पेड़ों के कोटर में या भित्तियों में अण्डे देते हैं। नहीं मिलने पर तोते अपनी नुकीली चोंच से पेंंड़ के तनोंं में छेद बनाकर उसमे अण्डे देते हैं। तोते एक बार में ४-६ तक अण्डे देते हैं,अण्डों का रंग सफ़ेद होता है। आकृति में चौड़े और सिरों पर नुकीले होते हैं। आकार लगभग १.२० * ०.९५ इंच होता है।