भारतीय तथा अन्य नाम
बड़ा चिलचिल, बड़ा-फेंगा, बड़ा-गेंगा, धारीदार चरखी, खर भ्याकुर।
वैज्ञानिक नाम (Zoological Name) : Turdoidus Earlei पर अब कुछ वैज्ञानिकों ने इसे Argya Earlei नाम भी दिया है।
Kingdom: Animalia
Phylum: Chordata
Class: Aves
Order: Passeriformes
Family: Leiothrichidae
Genus: Turdoidus
Species: A. earlei
गण-जाति : यष्टिवासी
Clade: Perching Bird
जनसङ्ख्या : स्थिर
Population: Stable
संरक्षण स्थिति (IUCN) : सङ्कट-मुक्त
Conservation Status (IUCN): LC (Least Concern)
वन्य जीव संरक्षण अनुसूची : ४
Wildlife Schedule: IV
नीड़-काल : सम्पूर्ण वर्ष। मुख्यतया मार्च से अक्टूबर तक।
Nesting Period: Whole year. Primarily, March to October)
आकार : लगभग १० इंच
Size: 10 in
प्रव्रजन स्थिति : अनुवासी
Migratory Status: Resident
दृश्यता : सामान्य (प्राय: दृष्टिगोचर होने वाला)
Visibility: Common
लैङ्गिक द्विरूपता : अनुपस्थित (नर और मादा समरूप)
Sexual Dimorphism: Not Present (Alike)
भोजन : कीड़े-मकोड़े, वनस्पतियाँ।
Diet: Insects, Vegetation.
अभिज्ञान एवं रङ्ग-रूप
बड़ा चिलचिल लगभग १० इंच का एक चञ्चल पक्षी है जो बड़ी-बड़ी घासों के बीच में ७ से १० के झुण्ड में दिखाई पड़ता है। इसके नर एवं मादा एक जैसे होते हैं। यह एक भूरे रंग की चरखी है, जिसके सिर पर घनी कत्थई रंग की धारियाँ और पीठ पर तनु रेखायें होती हैं। डैने और पूँछ भूरे रंग के और निचला भाग तनु बादामी रंग का होता है। नेत्र गोलक पीतवर्णीय और पैर मटमैले होते हैं।
निवास
बड़ा चिलचिल समभौमिक क्षेत्रों का पक्षी है जो पंजाब से लेकर गांगेय क्षेत्रों से होते हुए ब्रह्मपुत्र के क्षेत्र, नेपाल की आर्द्रभूमि, असम, बंगाल और ओडिशा के महानदी के नदीमुख क्षेत्र तक पाया जाता है। इसे घने जंगली क्षेत्र कदापि प्रिय नहीं तथा यह नदी तट, नालों व अनूप क्षेत्रों (marshy lands) की ऊँची घासों में रहता है।
वितरण
बड़ा चिलचिल भारत में पंजाब, उत्तर प्रदेश, असम, बंगाल और ओडिशा में तथा भारत के अलावा नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी पाया जाता है।
प्रजनन काल तथा नीड़ निर्माण
बड़ा चिलचिल वर्ष में दो बार प्रजनन करते हैं। इनका प्रजनन काल मार्च से मई और अगस्त से अक्टूबर तक होता है। इनका घोंसला स्वच्छ, सुघर और द्रोणी जैसा होता है जिसे ये ३ से ४ फीट ऊँची घनी झाड़ियों में बनाते हैं। नीड़ निर्माण हेतु ये मृदु जड़ों व घास-फूस का प्रयोग करते हैं। ये घोंसले को बहुत सुरक्षित रखते हैं, तब भी चातक पक्षी प्राय: इनके नीड़ों में अपने अण्डे दे देते हैं। समय आने पर मादा ३-४ अंडे देती है। अण्डों का रंग पीलापन लिए हुए नीला होता है तथा आकार लगभग ०.८५*०.६४ इंच तक होता है ।
बहुत शानदार जानकारी