Nīti-Sāraḥ नीतिसार : Tiny Lamps लघु दीप – 28
Nīti-Sāraḥ नीतिसार :Tiny Lamps लघु दीप – 28 ऋग्वेद दस मण्डलों में विभाजित है। एक अन्य विभाजन चतुरङ्ग के वर्गों का आधार ले आठ अष्टकों का भी है।
Nīti-Sāraḥ नीतिसार :Tiny Lamps लघु दीप – 28 ऋग्वेद दस मण्डलों में विभाजित है। एक अन्य विभाजन चतुरङ्ग के वर्गों का आधार ले आठ अष्टकों का भी है।
“सावित्री के तर्क सुनकर धर्मराज किंकर्तव्यविमूढ़ हो गए” । इस वाक्य में एक शब्द है -किंकर्तव्यविमूढ। यह एक शब्द न हो कर तीन शब्दों का समूह है
जङ्गली गौरइया लगभग ६ इंच का पक्षी है जो हमारी घरेलू चिड़िया गौरैया सदृश ही होता है। इनमें भी नर और मादा का वर्ण गौरैया की ही भांति भिन्न होता है। नर के गले पर पीतवर्णीय धब्बा होता है।
संस्कृत आओ करके सीखें – सेकुलरिज्म नामी रुग्णता ने इसे कोढ़ में खाज बना दिया और लोग संस्कृत के विरुद्ध भी होने लगे।पहले संस्कृत कैसे सीखते थे?
विगत दिनों माननीय प्रधानमंत्री ने देश के नागरिकों के समक्ष आत्मनिर्भर होने का विचार व्यक्त किया। आत्मनिर्भर शब्द को समझने का हम प्रयास करते हैं।
Nīti-Sāraḥ नीतिसार : Tiny Lamps लघु दीप – 27 ऋग्वेद दस मण्डलों में विभाजित है। एक अन्य विभाजन चतुरङ्ग के वर्गों का आधार ले आठ अष्टकों का भी है।
Decriminalise Hindu Polygyny – हिन्दू पुरुषों हेतु दो विवाहों को वैधानिक रूप से अनुमन्य किया जाय, जाने कितने जीवन नरक होने से बच जायेंगे।
यद्यपि भारतीय गणना-पद्धति प्रारम्भ से ही दाशमिक प्रणाली आधारित रही है तथापि भारतीय गणना-कर्म में षोडश पद्धति का भी बहुत प्रचलन रहा है। षोडश पद्धति अर्थात् सोलह को आधार (base) मान कर की जाने वाली गणना। प्राचीन भारत में शास्त्रीय गणित भले दस के गुणक में चले, व्यवहार गणित तो चार, आठ, सोलह, बत्तीस की शैली में ही चला करता था जो परम्परा अभी भी पूर्णतः समाप्त नहीं हुई है।
Crisis ahead आसन्न सङ्कट – भय न करने की बात में भय देखते हैं, भय करने की बात में भय नहीं देखते; मिथ्या-दृष्टि से दुर्गति को प्राप्त होते हैं।
Common Woodshrike खरकटा लहटोरा का अधिकांश समय वृक्षों पर ही व्यतीत होता है। घास-फूस के झुरमुटों में रहने के कारण इसे खरकटा लहटोरा कहा जाता है।
दिष्ट्या दृष्टा त्वया देवी रामपत्नी यशस्विनी॥ दिष्ट्या त्यक्ष्यति काकुत्स्थश्शोकं सीतावियोगजम्। यह सौभाग्य की बात है कि तुम श्रीराम की पत्नी यशस्विनी देवी सीता के दर्शन कर आये, अब देवी सीता के वियोग से उपजा काकुत्स्थ राम का शोक दूर हो जायेगा, यह भी सौभाग्य की बात है।
गौतम बुद्ध के अंतिम शिष्य सुभद्द थे। उन्हें दीक्षित करने के पश्चात महापरिनिर्वाणशय्या पर बुद्ध ने बिना पूछे ही आनन्द को तथागत के पश्चात संघ की दिशा क्या हो इसके बारे में बताना आरम्भ किया। इसे पच्छिमवाचा, अंतिम वाणी कहा जाता है।
भावात्मक बुद्धि के उदाहरण सरल हैं -दूसरों की अवस्था समझना और यह समझना कि दूसरे जो कर रहे हैं, वैसा क्यों कर रहे हैं। और कोई भी क्षणिक प्रतिक्रिया देने से पहले वस्तुस्थिति को समझना। हमारे स्वयं की भावनाओं (संवेगों) को समझने तथा नियंत्रित करने की योग्यता के साथ साथ दूसरों की भावनाओं एवं संवेगों को समझना और उन्हें सम्मान देना भी महत्वपूर्ण हैं जिससे निर्णय लेते समय हम उनसे प्रभावित न हों ।
Nīti-Sāraḥ नीतिसार : Tiny Lamps लघु दीप – 26 विद्वानेव विजानति विद्वज्जनपरिश्रमम् ।न हि वन्ध्या विजानाति गुर्वीं प्रसववेदनाम् ॥
CoViD-19 और भारतीय मीडिया – मनोरोगी व क्षुद्र अनियंत्रित नागरिकों से भरी इकाई नहीं, सुव्यवस्थित समूह जो निज-हित की प्राथमिकताओं से बद्ध हो।
गूगल सर्च इंजन लेख के शीर्षक, यूआरएल, प्रथम पैरा के वाक्य लेख के कीवर्ड आदि से लेख के विषय को तौलने का प्रयास करता है। इसी से निश्चित करता है कि कौन से लेख किस विषय से सम्बंधित हैं और कितने अधिक सम्बंधित हैं जिन्हें किसी और के द्वारा ढूंढें जाने पर परिणाम में दिखाना है और किस क्रम में दिखाना है।
हनुमान सागर को एक विशाल जलपोत की भाँति पार कर रहे हैं। आकाश, क्षितिज और सागर मिल कर कैसा दृश्य उपस्थित कर रहे हैं!
सूर्य और चन्द्र दोनों दिख रहे हैं।
सहेली लगभग ६ इंच का छोटा सा सुन्दर पक्षी है जो युगल में या लघु झुण्ड में पेड़ों के ऊपर फुदकते हुए देखा जा सकता है। इसकी चोंच और पंजे कृष्ण वर्णीय तथा नेत्र गोलक भूरा होता है।
Hindu Time Reckoning हिन्दू कालगणना, ग्रहों को अहोरात्र की होराओं का स्वामित्व नहीं सौंपा गया था। कालनिर्धारण की सबसे सटीक काल-यंत्र पृथ्वी ।
बोलिये सुरीली बोलियाँ – भारत के पाँवों में शिलाओं के समान बँधे हुये भारी शब्दों पर विचार व मनन होने चाहिये एवं आवश्यकता पड़े तो उनका त्याग भी। हम सभी विनाश के सम्मोहन में पड़े हुये विकास, अभ्युदय, कल्याण आदि के प्रलाप करते हुये अनियंत्रित, अमर्यादित,अनियोजित लड़खड़ाते हुये चले जा रहे हैं। ऐसे में भारत तिल तिल मरता व मारा जाता रहेगा।