Paternity and Human evolution मानव विकास में पितृत्व का महत्त्व

Paternity and Human evolution शरीरकृत् प्राणदाता यस्य बच्चों के चित्र देख पिताओं के मस्तिष्क में पारितोषिक प्रदान क्षेत्र सक्रिय हो जाते हैं। मातृत्व की ही भाँति पितृत्व भी मानव प्रजाति के साथ साथ व्यक्ति के विकास के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है तथा मातृत्व एवं पितृत्व एक दूसरे के पूरक हैं एक दूसरे को प्रतिस्थापित नहीं कर सकते।

Inner Journey भीतरी यात्रा

ठीक है कि यह एक प्रक्रिया है, ऐसा नहीं हो सकता कि आप आज सोये एवं कल प्रात:काल सब कुछ यातु से परिवर्तित हो गया! परंतु क्या हमने यात्रा आरम्भ कर दी है? क्या हममें से प्रत्येक के पास कोई समयबद्ध कार्यक्रम है? क्या हम अपनी प्रगति से संतुष्ट हैं या ऐसा कुछ करने की सोच भी नहीं रहे? स्वयं से पूछें।

Valmikiya Ramayan प्रमदावन विध्वंसक हनुमान

विभीषण सुंदरकांड [धर्मार्थविनीतबुद्धिः परावरप्रत्ययनिश्चितार्थः] – ४९

विभीषण सुंदरकांड – आप कुछ को आदेश दें कि शत्रु पर आप की शक्ति दर्शाने हेतु वे अभियान करें, उन दो राजपुत्रों को पकड़ लायें।

Oriental Magpie-robin दहियर। चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, सरयू आर्द्र भूमि, माझा, अयोध्या, उत्तर प्रदेश, June06, 2019

Oriental Magpie Robin दहियर

Oriental Magpie Robin दहियर मानव आवास के निकट झाड़ी, उपवन, वाटिकाओं आदि में कीड़े-मकोड़े खोजते या किसी ऊँची शाखा पर बैठा मधुर संगीत सुनाते देखा जा सकता है। यह बांग्लादेश का राष्ट्रीय पक्षी है।

Delusion Yoga Vasishtha भ्रांति माया अविद्या : सनातन बोध – ६८

भ्रांति यथा इंद्रजाल, माया या अविद्या की चर्चा किसी एक सनातन ग्रंथ तक सीमित नहीं होते हुए यह सनातन दर्शन का एक विशिष्ट सिद्धांत है, विशेषकर अद्वैत ग्रंथों में। बौद्ध दर्शन, जिसका परिवर्तित रूप पश्चिमी देशों में लोकप्रिय है, भी स्पष्ट रूप से इन दर्शनों से प्रभावित है। मानव मस्तिष्क के परे ब्रह्मांड के निर्माण, परिवर्तन तथा विस्तार इत्यादि के संदर्भ में भी सनातन दर्शन में इन भ्रांतियों की परिभाषा बृहत् है।

Lesser Adjutant चंदियार शिशु के साथ नीड़ में। चित्र सर्वाधिकार: आजाद सिंह, © Ajad Singh, कदुवा-दियारा, नौगछिया, भागलपुर, बिहार, October 31, 2019

Lesser Adjutant चंदियार

चंदियार पक्षी उत्तर भारत में अब अत्यल्प दृष्टिगोचर होता है। निचलौल के जंगल में मात्र २ पक्षी दिखाई दिए है। परन्तु बिहार के भागलपुर जिले के नवगछिया प्रखंड के कदुवा-दियारा गाँव में इनके नीड़ देखे गए हैं।

vegan

Vegetarianism Vegan शाकाहार : सनातन बोध – ६४

Vegetarianism Vegan शाकाहार, पश्चिमी देशों में अत्यधिक मांसाहार तथा उसके व्यवसाय ने सदियों से यह भ्रम बना रखा था कि क्रीड़ा, स्पर्धा इत्यादि के लिए मांसाहार उपयुक्त है तथा शाकाहार में पर्याप्त प्रोटीन नहीं होता। अनेक अध्ययनों में ये बातें असत्य सिद्ध हुई हैं।

आचार्यशङ्करस्य जन्मवृत्तान्त:

आचार्यश्रीशङ्करभगवत्पादस्य जन्मस्थान-जन्मसमयादिविषये मतवैभिन्न्यं दृश्यते । चतुर्दशशतके विरचितं माधवीयशङ्करविचयम्, पञ्चदशशतके प्रणीतं चिद्विलासीयशङ्करविजयम्, सप्तदशशतके विरचितं केरलीयशङ्करविजयमिति ग्रन्थत्रयं श्रीशङ्कराचार्यस्य जीवनचरित्रं विवृणोति ।

खण्ड खण्ड आत्मघात

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के धर्म सङ्काय में अधार्मिक पंथ के अनुयायी की आचार्य पद पर हुई नियुक्ति का जो विरोध हुआ है, उसने हमारी अकादमिकी एवं पूरे शिक्षा तंत्र के एक बहुत बड़े सङ्कट को अनावृत्त किया है। जानते तो लोग बहुत पहले से हैं किंतु जैसा कि समस्त समस्याओं के साथ होता, कुछ दिनों पश्चात या तो समायोजन कर लिया जाता है या आँखें मूँद ली जाती हैं।

Calendar Reform Saptarshis कस्ध्रुवं? कुतः सप्तर्षयः?

‘पञ्चाङ्ग-संशोधन तथा एक नवीन सम्वत की आवश्यकता’ किसी स्वप्नदर्शी का एक वृहदाकार स्वप्न है। इस स्वप्न में अनेक प्रश्न अन्तर्निहित हैं तथा उन प्रश्नों के सम्भावित उत्तरों के साथ अनेकानेक विसंगतियाँ संश्लिष्ट हैं।

Valmikiya Ramayan प्रमदावन विध्वंसक हनुमान

Valmikiya Ramayan वाल्मीकीय रामायण-४५, [अक्षकुमार वध]

अक्षकुमार वध – भुजायें, जङ्घायें, कटि एवं गला टूट गये, अस्थियों का चूर्ण बन गया, आँखें निकल आईं। संधियों के भङ्ग होने के साथ साथ देहबन्ध भी ढीले पड़ गये।

Basic features of Youtube यूट्यूब की कुछ सुविधाएँ

यूट्यूब की कुछ सामान्य सुविधाएँ जो लगभग हमारे सामने ही होती हैं परन्तु या तो हम उनकी उपेक्षा कर जाते है या जानकारी के अभाव में हम उपयोग नहीं कर पाते हैं। इस लेख में मैं ऐसी ही सुविधाओं की बात करूँगा।

पङ्क पड़ी परम्परा का आर्तनाद

भारत में अभियाननाद नहीं, आर्तनाद ही चल रहा है। भारतविद्या एवं भारत की उन्नति के इच्छुक गम्भीर युवाओं को इन सब प्रवृत्तियों से मुक्त हो कर्मसंलग्न होना होगा। हम मिथ्या गौरवबोध में जीने को आतुर हैं, वह हमारा अंग बन चुका है। पुरातन का अध्ययन, उनका वैज्ञानिक एवं सत्यनिष्ठ विश्लेषण तथा आक्रमणों के सटीक उत्तर, ये सब होने चाहिये किंतु उसके स्थान पर हो क्या रहा है?

श्रीमान् उपाध्याय एवं मिस्टर स्मिथः : सरल संस्कृत – ४

इस लेख में सरल लेखन की वाक्य संरचना का प्रदर्श है। साथ में दिये हिंदी अनुवाद के संगत वाक्यों से तुलना कर इन दो भाषाओं के परस्पर सम्बन्ध एवं भिन्नताओं को देखा जा सकता है।

सामाजिक संचार माध्यम, सुविधा या जटिलता : सनातन बोध – 55

सनातन दर्शनों की विशेषता यही है कि मानव मस्तिष्क की जो विवेचना उसमें की गयी है वो विभिन्न देश, काल एवं परिस्थिति के अनुसार भी सत्य है। यथा सभा का स्वरूप भले परिवर्तित हो गया हो परन्तु उस सभा में कब क्या बोलना चाहिए, किससे प्रेम करना चाहिए तथा कब और कितना क्रोध करना चाहिए जो इन बातों को जानता है उसे ही तो अब भी पंडित कहा जाएगा

ऋग्वैदिक पक्थ, एक भारतीय ‘हिन्‍दू पश्तून’ युवती : Tiny Lamps लघु दीप – 23

पीढ़ियाँ बीतीं, समय पहुँचा एक हिंदू पश्तून शिल्पी बत्रा तक जिसे पञ्जाबी बता कर पाला पोसा गया था। भारत आये पुरखों ने अपना अभिजान छिपा लिया था।

कृष्ण जन्माष्टमी व पुराण

The Classical Hindu Law : Chapter 01

Classical Hindu Law, in its various branches is probably the most detailed system of law to be discovered. Its conception of legal liability is broad and perspicuous, and although it has generally retained the eighteen divisions of topics of litigation as described by Manu, that has not in any way stinted its growth or prevented it from embracing within its range the various aspects of juridical relations which the complexity of human affairs may usually bring about.