हमारा वेब ब्राउज़र यूआरएल के रूप में कई सूचनाएँ संलग्न करके सर्वर तक भेजता है जिससे हमें वांछित परिणाम प्राप्त हो। चलिए इसकी संरचना के बारे में कुछ जानते हैं।
इन्टरनेट पर किसी भी पृष्ठ को देखने के लिए हम वेब ब्राउज़र के एड्रेस बार में एक पता डालते हैं जिसे हम यूआरएल (Uniform Resource Locator) कहते हैं। सामान्यत: इन्हें लिंक (anchor html ta) के माध्यम से प्रोग्रामर एक वेब पृष्ठ में रखता है और हम उस पर क्लिक करते हुए एक पृष्ठ से दुसरे पृष्ठ पर सर्फ़ करते हैं।
इसके अतिरिक्त जब हम कोई फॉर्म सबमिट करते हैं तब भी ब्राउज़र ऐसे ही किसी यूआरएल रिक्वेस्ट को ट्रिगर करता है। सामान्यत: ऐसी स्थिति में आपका यूआरएल की संरचना कुछ ऐसी मिल सकती है।
जैसे मैंने गूगल सर्च में ‘मघा पत्रिका’ शब्द लिखकर सर्च बटन पर क्लिक किया तो एड्रेस बार में कुछ ऐसा दिखा,
https://www.google.com/search?client=firefox-b-d&q=मघा+पत्रिका
इस यूआरएल की निर्मिती ‘Search’ बटन दबाने के बाद ऐसी हुयी। तो यहाँ मूल वेब पृष्ठ का भाग केवल इतना ही है,
https://www.google.com/search
इसके बाद प्रश्न वाचक चिन्ह लगकर जो कुछ भी दिखाई दे रहा है वहा अतिरिक्त सूचना है जो ब्राउज़र के द्वारा सर्वर पर उपस्थित गूगल के उस कोड किये गए मूल पृष्ठ को भेजी गयी है।
अधिकांशत: आपको ऐसे यूआरएल देखने को मिलते होंगे। प्रश्न वाचक चिन्ह के बाद जो भी सूचना है वह भी एक विशेष तरीके से संलग्न होती है। इसमें पहला शब्द चर (variable) का नाम होता है, उसके बाद बराबर (equuals to = ) का चिन्ह होता है, तथा उसके बाद एक सूचना होती है। एक से अचिक सूचना होने पर उन्हें एम्परसेन्ड (‘&’ and symbol) के चिन्ह से जोड़ते हुए फिर उसी तरीके से जोड़ दिया जाता है।
अर्थात हम उपर्युक्त उदहारण में देखें तो सूचना वाला भाग ये है,
client=firefox-b-d&q=मघा+पत्रिका
ऐसे सूचना वाले भाग को query part भी कहते हैं। अब इसमें भी पूरी सूचना दो भागों में दी गयी है। जहाँ ‘client’ एक चर (variable) है जिसका मान (value) ‘firefox-b-d’ है। आगे और सूचना है तो ‘&’ का उपयोग कर उसे भी जोड़ा गया है। जहाँ ‘q’ एक चर (variable) है और उसका मान (value) ‘मघा+पत्रिका’ है। इस तरह कई सूचनाएँ हो सकती हैं जो ‘&’ चिन्ह से जोड़कर भेजी जाती हैं। तकनीकी भाषा में इसे NVP (Name Value Pair) कहते हैं। अर्था एक तरह से चर (variable) और उसके मान (value) का जोड़ा। कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग में ‘=’ का चिन्ह, सामान्य गणित की तरह बराबरी को प्रदर्शित नहीं करता है (बराबरी के लिए ‘==’ चिन्ह का प्रयोग किया जाता है), अपितु ‘=’ का चिन्ह यहाँ बताता है की एक चार नाम धरित्र की तरह है जो किसी सूचना के पात्र या नाम को बताता है।
तो असल में यहाँ वेब पृष्ठ ‘https://www.google.com/search’ तक एक सूचना पहुंचाई जाती है जो यूआरएल में ही संलग्न होती है। सर्वर पर उपस्थित इस पृष्ठ में उपस्थित कोड/प्रोग्राम इस सूचना को निकल लेता है। जैसे,
client = firefox-b-d q = मघा+पत्रिका
client नाम के चर का मान (value) ‘firefox-b-d’ है।
q नाम के चर का मान (value) ‘मघा+पत्रिका’ है।
तो यहाँ सर्च वाले वेब पृष्ठ को दो सूचनाएँ मिलती हैं जिन्हें जानने के बाद उसे क्या करना है वह सब सर्वर पर उपस्थित उस पृष्ठ के कोड में लिखा होता है। यहाँ सामान्यत: यह ‘मघा पत्रिका’ शब्द समूह का परिणाम प्रदर्शित करेगा। client = firefox-b-d वाली सूचना वह अपने डेटाबेस में रख लेगा जिसे रिसर्च आंकड़ों के तौर पर विश्लेष्ण हेतु रख लिए जायेगा।
इस तरह की query या सूचना अधिक भी हो सकती जिससे कई यूआरएल बहुत लम्बे हो जाते हैं, परन्तु उसमें आपको पैटर्न वही मिला एक वेरिएबल, उसका मान, फिर ‘&’ के चिन्ह के बाद अगले वेरिएबल का नाम और उसका मान। उदारहण के लिए एक बड़ा यूआरएल ये हो सकता है:-
https://www.google.com/search?ei=s-OiXaqsAYPWvASh8J24BA&q=मघा+नक्षत्र+4+चरण&oq=मघा+नक्षत्र+4+चरण&gs_l=psy-ab.12..0i19.122844.122844..123717…0.0..0.405.405.4-1……0….2j1..gws-wiz.DhUEkhfM4Hw&ved=0ahUKEwjq0an365jlAhUDK48KHSF4B0cQ4dUDCAs
उपर्युक्त उदहारण में मैंने वर्ण के माध्यम से यूआरएल में चर (variable), उसका मान (value) एवं योजक चिन्ह ‘&’ कहाँ-कहाँ किस प्रकार संलग्न हैं। यहाँ भूरे रंग वाला मुख्य यूआरएल या पृष्ठ है। लाल रंग में चर (variable) है। श्याम रंग में सूचना है। योजक चिह्न ‘&’ को बैंगनी रंग में दिखाया गया है। यदि इन NVP सूचनाओं को तोड़कर देखें तो कुछ ऐसी सूचनाएँ गयी होंगी।
००. मुख्य यूआरएल => https://www.google.com/search
प्रश्न वाचक चिह्न के बाद सूचना
०१. ei => s-OiXaqsAYPWvASh8J24BA
०२. q =>मघा+नक्षत्र+4+चरण
०३. oq => मघा+नक्षत्र+4+चरण
०४. gs_l => psy-ab.12..0i19.122844.122844..123717…0.0..0.405.405.4-1……0….2j1..gws-wiz.DhUEkhfM4Hw
०५. ved => 0ahUKEwjq0an365jlAhUDK48KHSF4B0cQ4dUDCAs
कुल पांच सूचनाएँ भेजी गयी।
तो इस तरह क्लाइंट (web browser) या आपके यहाँ से सूचना सर्वर तक पहुंचाई जाती है जिसको सर्वर पर उपस्थित कोड प्रोसेस कर के वांछित परिणाम आपको भेजता है।
अगले अंक में इसी कड़ी में सूचना भेजे जाने वाले अन्य तरीकों पर बात करेंगे।