भारतीय नाम : टीन्घुर, लमगोड़, गजपाँव, लमटंगा, टिलुवा, लल्गोन, लल्ठेंगी, कालपक्ष, प्रवालपाद।
वैज्ञानिक नाम : Himantopus himantopus
Kingdom: Animalia
Phylum: Chordata
Class: Aves
Order: Charadriiformes
Family: Recurvirostridae
Genus: Himantopus
Species: Himantopus
Category: Wading bird
जनसँख्या : वृद्धिमान
Population : Increasing
संरक्षण स्थिति : सङ्कटमुक्त
Conservation Status : LC (Least Concern)
वन्य जीव संरक्षण अनुसूची : ४
Wildlife Schedule : IV
दृश्यता : सामान्य (प्राय: दिखाई देने वाला)
Visibility : Common
प्रवास स्थिति : प्रवासी
Migratory Status : Resident
नीड़ निर्माण काल : अप्रैल से अगस्त तक।
Nesting Period : April to August.
आकार : २५-३५ सेंटीमीटर।
Size : 25-35cm
लैङ्गिक द्विरूपता : द्विरूपता
Sexes : Unalike
भोजन : जलीय कीड़े-मकोड़े, छोटे घोंघे आदि।
Diet : Insects, Crustaceans etc.
तथ्य:
१-यह सबसे पहला आने वाला और सबसे बाद में जाने वाला प्रवासी पक्षी है।
२-गंदे पानी का सूचक पक्षी, क्योंकि यह गंदे पानी से कीड़े मकोड़े खाता है।
३-पक्षियों में शारीर के अनुपात में इसकी टांगे सबसे लम्बी होती हैं।
अभिजान एवं रंग-रूप : यह पतला काले और सफ़ेद रंग का पक्षी है। जिसकी चोंच सीधी और लम्बी होती है तथा इसकी टांगे चटख गुलाबी रंग की और बहुत लम्बी होती हैं। इसको छिछले पानी में तथा पानी के किनारे शिकार करते देखा जा सकता है। यह चितकबरा पक्षी है जिसमे नर और मादा लगभग एक जैसे, पर रंग में थोडा अंतर होता है। नर की पीठ का रंग गहरा काला और उसपर एक हरे रंग की झलक आ जाती है। इसके सर और गर्दन के ऊपर तथा पीठ से लेकर पूंछ तक का भाग काला भूरा, डैने कल्छौंह कत्थई तथा नीचे का हिस्सा चटख सफ़ेद होता है। चोंच लम्बी और सीधी होती है।
निवास : यह उत्तर भारत का बारहमासी पक्षी है जो जाड़ा आने के साथ-साथ पूरे देश में फैल जाता है। यह अक्सर छिछले जलाशयों, दलदल, नालों, नदियों आदि के किनारों पर जोड़ों में या झुण्डों में दिखाई दे जाता है। जहाँ ये कीचड में कीड़े और छोटे घोंघे का शिकार करते मिल जाता है।
वितरण : यह भारत वर्ष, बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका और म्यांमार का प्रवासी पक्षी और स्थानीय प्रवास भी करता है। यह पक्षी उत्तर भारत में जाड़े की शुरुवात में आता है और सबसे बाद में वापस होता है।
प्रजनन काल तथा नीड़ : इसके जोड़ा बनाने का समय अप्रैल से अगस्त तक का होता है जब बहुत सारे पक्षी एक साथ किसी स्थान पर नीड़ निर्माण करते हैं। इसका नीड़ किसी जलाशय के तट की जमीन पर छिछले गड्ढे की शक्ल का होता है जिसमे मादा थोडा घास-फूस रखकर अण्डे दे देती है। अण्डों का रंग भूरा होता है जिनपर काली चित्तियाँ होती हैं और अण्डों की संख्या ३-४ तथा आकार लगभग १.६४*१.१३ इंच का होता है।