लैस्टर, इंग्लैंड का एकमात्र हिन्दू बहुल नगर है। यहाँ दीपावली से लगभग एक सप्ताह पूर्व मुख्य हाट मार्ग को प्रकाशित किया जाता है, जो दीपावली के कुछ दिनों पश्चात तक भी प्रकाशमान रहता है। सम्पूर्ण मार्ग वाहनों के लिये निषिद्ध कर दिया जाता है।
अनुमानतः ५०,००० लोग इंग्लैंड के विभिन्न भागों से इस दिन यहाँ आते हैं। इतने लोगों के आने का आर्थिक और व्यापारिक प्रभाव भी अच्छा होता है और उसका कर भी सरकार को जाता है ।
इस अवसर पर पार्क में मेला लगता है जिसमें विभिन्न प्रकार के रंगारंग कार्यक्रम होते हैं, साथ ही बच्चों के लिये कई प्रकार के झूले होते हैं। बड़े-बड़े दृश्यपट भी लगाये जाते हैं जिससे कि लोग सभी स्थानों से कार्यक्रम देख सकें।मुख्य मंच पर पंडित जी पूजा करते हैं। क्षेत्र के सांसद, नगरपालिकाध्यक्ष और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को तिलक लगाते हैं। मञ्च से नगरपालिकाध्यक्ष और अन्य व्यक्ति क्षेत्र में हिन्दू समाज के लिये किये जा रहे कार्यों का विवरण देते हैं। कार्य का समापन नगरपालिका पटाखे चलाने के सार्वजनिक कार्यक्रम के साथ करती है। पटाखे अल्प धूम एवंं घोष वाले होते हैं और प्रकाशमान अधिक होते हैं अत: दृश्य मन लुभाने वाला होता है।
यह संपूर्ण कार्यक्रम नगरपालिका आयोजित करती है। इसमें पुलिस, स्वयंसेवकों, चिकित्सा कार्यकर्ताओं, अग्निशमनदल का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। चिकित्सा कार्यकर्ता कटि पर प्राथमिक चिकित्सा के थैले टाँगे लोगों के बीच घूमते रहते हैं और जैसे ही कहीं आवश्यकता हुई प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराते हैं। एंबुलेंस और अग्निशमन दल की गाड़ियाँ विभिन्न स्थानों पर सचेत रहती हैं।सभी स्वयंसेवक, पुलिस और कार्यकर्ता सौम्य और मृदुभाषी होते हैं। कार्यक्रम या अन्य किसी विषय पर प्रश्न पूछने पर त्वरित सही सूचना प्रदान करते हैं या सही सूचना देने वाले की ओर इंगित करते हैं। यह कार्यक्रम दीपावली के दिन पुनः होता है।
इतना बड़ा कार्यक्रम नागरिकों और प्रशासन के एक साथ काम करने का एक उत्तम उदाहरण है। क्या भारत में प्रशासन इस तरह नागरिकों के साथ, उनके हितों का ध्यान रखते हुए त्यौहारों पर कार्यक्रम नहींं आयोजित कर सकता ? यदि ऐसा हो तो त्यौहारों के समय होने वाली दुर्घटनाओं संभवतः अल्प हों।