भारतीय नाम : बबूना, मोतीचूर(हिन्दी), चटकिका, पुत्रिका (संस्कृत), શ્વેતનયના, બબુના(गुजराती), ಬೆಳ್ಗಣ್ಣ (कन्नड़), വെള്ളക്കണ്ണിക്കുരുവി(मलयालम), चश्मेवाला, चाळीशीवाला(मराठी), कांकीर(नेपाली), வெள்ளைக் கண்ணி(तमिळ)
वैज्ञानिक नाम : Zosterops palpebrosus
Kingdom: Animalia
Phylum: Chordata
Class: Aves
Order: Passeriformes
Family: Zosteropidae
Genus: Zosterops
Species: Palpebrosus
Category: Perching Birds
जनसङ्ख्या : ह्रासमान
Population: Decreasing
संरक्षण स्थिति : सङ्कट-मुक्त
Conservation Status: LC (Least Concerned)
वन्य जीव संरक्षण अनुसूची : ४
Wildlife Schedule: IV
नीड़ काल : जनवरी से सितम्बर तक, स्थान भेदानुसार
Nesting Period: January to September, according to territory
आकार : लगभग ४ इंच
Size: 4in
प्रव्रजन स्थिति : स्थानीय प्रवासी, यदा-कदा स्थानीय प्रव्रजन
Migratory Status: Resident, sometimes local migratory
दृश्यता : सामान्य (प्राय: दृष्टिगोचर होने वाला)
Visibility: Common
लैङ्गिक द्विरूपता : समरूप
Sexes: Alike
भोजन : कीड़े-मकोड़े और उनके अण्डे, छोटी कोंपल, जंगली फल आदि।
Diet: Insectivores, Flower Nectar, Fruits.
अभिज्ञान एवं रङ्ग-रूप : बबूना प्रायः ४ इंच की एक छोटी सी सुन्दर एवं बहुत ही चञ्चल चिरैया है। इसके नेत्रों के ऊपर एक श्वेत वलय होता है। शरीर का वर्ण पीत-हरिताभ पराग कण सम होता है। गला पीताभ, निचला हिस्सा हरिताभ-श्वेत। ऊपर का हिस्सा हरिताभ-पीत, नेत्र गोलक भूरा। चोंच कृष्ण वर्णीय, किञ्चित वक्री एवं तीक्ष्ण। टांगें गहन धूसर वर्ण की होती हैं।
निवास : बबूना भारत की बारहमासी चिड़िया है जो पश्चिमी भारत के मरुस्थल के अतिरिक्त, हिमालय के २००० मीटर की ऊँचाई से लेकर पूरे भारत में पाई जाती है। यह देश छोड़कर बाहर नहीं जाती है। यह पेड़ों पर रहने वाली चिड़िया है जो उपवन-वाटिकाओं, पहाड़, जंगल, फूलों वाली झाड़ियाँ आदि स्थानों पर पाई जाती है।
वितरण : पूरे भारत के अलावा बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार में पाई जाती हैं। इसकी कुछ और जातियां हैं जो अफ्रीका, दक्षिणी एशिया से ऑस्ट्रेलिया तक पाई जाती हैं।
प्रजनन काल तथा नीड़ निर्माण : बबूना के प्रजनन का समय स्थान भेद अनुसार जनवरी से सितम्बर तक भिन्न-भिन्न होता है। समागम के लिए नर मधुर स्वर में मादा को आकर्षित करता है। शुष्क तृणमूल-पत्रादि से निर्मित कोमल नीड़ छोटे प्याले की भाँति दो शाखाओं के बीच में प्लावन करता है। ये अपना नीड़ ऊँची झाड़ियों में ६-८ फुट की ऊँचाई तक बनाते हैं और कभी-कभी ऊँचे वृक्षों पर पेड़ों पर भी इनके नीड़ देखे गए हैं।
मादा एक बार में २-४ अण्डे देती है। अण्डे सिरों पर नुकीले और लम्बे होते हैं। अण्डों का वर्ण नील अथवा हरित वर्ण की तनु आभा लिए हुए श्वेत होता है। अण्डे कलङ्क रहित एवं तीक्ष्ण आभा रहित होते हैं। अण्डों का आकार लगभग ०.६२ *०.४२ इंच का होता है।