Emira Maewa Kaihau, एमिरा माइवा कइहाउ, न्यूजीलैण्ड, ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप
Maori Song, माओरी गीत
Paurangi te ngakau e hine Moemoe wairangi te wairua, Maranga ma tangi hau ora Tiro pei kata aroha irungaMuri muri hui hui o u kape, Kere kere aroha i runga Maranga e hine kua rongo he rangi Kahore he pouri e kore e taea e te aroha. |
गाछ तले मैं सरकी कामार्त अकेली सोई मैं म्लान वीत भीतर उठते मधुरतम मर्मर कनुदीठ स्मित धीर समीरमौन से भी मृदु हो वे मेरी भ्रू पर खेल गये प्रेमगन्ध वहन करते मेरे चित करते आह्वान “जागो प्रिया, देदीप्यमान हैं स्वर्ग मन्दार आलोकित प्रेम न कर सके, न ऐसा कोई अंधकार।” |
मान्यता है कि माओरी जन प्राय: एक हजार वर्ष पूर्व या उसके पश्चात पूर्वी पॉलिनेशिया से न्यूजीलैण्ड पहुँके तथा वहाँ के मूलनिवासी कहे जातेहैं। यह मान्यता औपनिवेशिक पश्चिमी प्रचार तंत्र की भी हो सकती है कि जिस प्रकार निर्जन द्वीप पर माओरी पहुँचे, उसी प्रकार यूरोपीय मूल वाले भी।
माओरी गीतों में युद्ध, प्रतिद्वंद्विता एवं उदात्त मानवीयता के आदिम भाव मिलते हैं। भावना एवं अभिव्यक्ति में उनकी साम्यता कुछ वैदिक स्वस्तियों से भी है। सर्वे भवंतु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया, जीवन शरद शत जैसे काव्य भाव उनके यहाँ भी हैं यद्यपि आधुनिक काल की रचनाओं में मिलते हैं। उन्हें रचने वालों ने वेद पढ़े या नहीं, इस पर कोई सामग्री नहीं मिली।
प्रस्तुत गीत के गत वर्ष सौ वर्ष पूरे हो गये। सङ्गीतकार एमिरा का जन्म नाम लुइसा फ्लावेल था। वह फ्रांसीसी क्रांति से पलायित सामंत वर्ग एवं ऑस्ट्रियाई सम्राट के एक दरबारी सङ्गीतकार की वंश परम्परा से थीं। मातृपक्ष से वह माओरी न्गा पुही मुखिया की संतति थीं। उनका विवाह एक माओरी सांसद से हुआ था।
एमिरा संगीत, गीत एवं काव्य की सहज प्रतिभा से सम्पन्न थीं, पियानो बजाने के साथ साथ गाती भी थीं।
साभार : http://folksong.org.nz