Wake उत्सवी अवसर – Gerda Hvisterdahl, Greenland
गेर्डा ह्विस्तेर्दह्ल, ग्रीनलैण्ड
प्रेमी वही जो बहने दे
जैसे जल जाने देता है
जैसे जल जाने देता है
नाव को बहती धारा में ।
साथ ही उसी जल जैसे
नौतल को झुलाता सा
हो सहाय उसके तन का
आलिंगन करता सा –
आलिंगन करता सा –
और तब परिणति के
उत्सवी अवसर
आभार जताता,
शेष सिन्धु को दर्शाता
उत्सवी अवसर
आभार जताता,
शेष सिन्धु को दर्शाता
– देखो ऐसे!
ग्रीनलैण्ड की कवयित्री गेर्डा स्वयंशिक्षित रहस्यवादी एवं एक प्रसिद्ध तक्षणविद थीं। अपनी निजी शैली में उन्होंने अतिशीत क्षेत्र एवं उसके निवासियों के विशिष्ट सम्बंधों पर कवितायें रचीं। प्रस्तुत कविता सम्भोग समय स्त्री मन की अपेक्षाओं को उपमाओं एवं अन्योक्ति शैली में अभिव्यक्ति देती है।