जापानी उक्तियाँ (पिछली कड़ी) में हमने दस जापानी लघु उक्तियों के शब्द अनुवादों के साथ उनके निकटवर्ती संस्कृत सुभाषित एवं लोक प्रचलित हिन्दी समानार्थी लोकोक्तियों को दिया था । इस कड़ी की नयी खेप मेंं मात्र उनके सरल शब्दार्थ रूप दिये जा रहे हैं तथा पाठकों से अपेक्षा है कि टिप्पणियों में इनके समानार्थी संस्कृत सूक्तियाँ या लोकोक्तियाँ सुझायें । एशियाई सभ्यताओं में पारस्परिक सम्पर्क, विशेषकर बौद्ध मत के प्रसार के कारण, अनेक सांस्कृतिक एवं लोकप्रचलित समानतायें पाई जाती हैं । देखना है कि मघा के पाठक उनका कितना अभिज्ञान कर पाते हैं !
Tiny lamps लघु दीप , पिछली कड़ियाँ : 1 , 2 , 3 , 4, 5, 6 , 7, 8, 9, 10, 11 , 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18 से आगे …
異体同心
भिन्न देह, एक मन ।
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羊頭狗肉
भेड़ का सिर, कुत्ते की देह ।
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美人薄命
सुन्दर जन, अल्प जीवन ।
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自業自得
निज कर्म, निज सिद्धि ।
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虎穴に入らずんば虎子を得ず。
यदि बाघ की गुफा में प्रविष्ट नहीं होगे तो उसका शावक नहीं पकड़ पाओगे ।
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猿も木から落ちる。
वानर भी वृक्षों से गिरते हैं !
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蛙の子は蛙。
मण्डूक का बेटा मण्डूक ।
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覆水盆に帰らず。
छलका पानी थाल में नहीं लौटेगा ।
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知らぬが仏
अज्ञान सम्बोधि समान ।
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猫に小判
बिल्ली को स्वर्ण निष्क ।
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井の中の蛙大海を知らず。
कूपमण्डूक महासागर नहीं जानता ।
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二兎を追う者は一兎をも得ず。
दो खरहों के पीछे भागने वाला एक भी नहीं पाता ।
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七転び八起き
सात बार गिरे, आठवीं बार तने ।
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花より団子
फूलों से गुलगुले भले ।
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