कुम्भ, कामकुम्भ, स्तन, मंदिर विमान, शिखर, शिखरदशना, गुम्बद
आप के यहाँ गुम्बद कभी नहीं था, कलश कुम्भ के वास्तु आयाम अनेक थे, इस बात का ध्यान रखते हुये शिखर हेतु शिखर शब्द ही प्रयोग में लायें, इससे आप दक्षिण से भी जुड़ जाते हैं।
आप के यहाँ गुम्बद कभी नहीं था, कलश कुम्भ के वास्तु आयाम अनेक थे, इस बात का ध्यान रखते हुये शिखर हेतु शिखर शब्द ही प्रयोग में लायें, इससे आप दक्षिण से भी जुड़ जाते हैं।
Laughing Dove छोटी फाख्ता, फाख्ता पक्षी की सबसे छोटी प्रजाति है, जिसका आकार लगभग १० इंच होता है। इसका प्रजनन काल लगभग पूरे वर्ष भर होता है।
Boredom बोरियत नीरसता ऊब – नीरसता, विरक्ति जैसे पर्याय मिल सकते हैं पर boredom जैसी चिरकालिक मानसिक अवस्था का सनातन दर्शन में अभाव ही रहा।
निर्माण में समय लगता है, ध्वंस में नहीं। निर्माण में नहीं लगेंगे तो एक दिन ध्वस्त हो ही जायेंगे – यह सार्वकालिक व सार्वभौमिक सच है। हमें अपनी ‘सचाइयों’ में आमूल-चूल परिवर्तन करने ही होंगे, और कोई उपाय नहीं। ट्विटर या फेसबुक पर रुदाली गाना तो किसी भी दृष्टि से विकल्प नहीं, आकाओं के कान हैं ही नहीं!
क्या अन्य जीवों को भी अनुभूति होती है? क्या वो भी सोच पाते हैं? ये प्रश्न या तो अन्य परम्पराओं में उठे ही नहीं या इनका उत्तर सकारात्मक नहीं रहा। वहीं इन प्रश्नों का उत्तर सनातन दर्शन में सहज ही स्पष्ट है।
प्राक्+ इतिहास में क् के बाद इ आने पर क् अपने तृतीय ग् में परिवर्तित हो गया। इस तरह यह प्राग् बना। इतिहास में ठक् प्रत्यय होने से इ ऐ में परिवर्तित हो गया और बना ऐतिहासिक। प्राग्+ ऐतिहासिक = प्रागैतिहासिक ।
Red-vented Bulbul गुल्दुम बुलबुल की पूँछ का अंतिम छोर श्वेत वर्ण व मूल भाग का वर्ण गहन रक्त वर्णीय होता है। जिससे इसका अभिज्ञान अत्यंत सरल है। इसकी आक्रामक (झगड़ालू) प्रवृत्ति के कारण ही एक समय इसको लोग लड़ने के लिए पालते भी थे।
एक था शुनःशेप, वरुण की वेधशाला का अभ्यर्थी, जिसे स्वयं नहीं ज्ञात था कि वह अभ्यर्थी भी है और दूसरे थे वरुण की वेधशाला के वर्तमान कुलपति ऋषि विश्वामित्र जो अभ्यर्थी की परीक्षा ले रहे थे।
धम्मदीक्षा दास हेतु नहीं – विकृत एवं मिथ्या दृढ़कथन व मान्यतायें। वैश्विक स्तर पर राजनीतिक एवं स्वार्थी आग्रहों से बँधी अकादमिकी का यही सच है।
कृष्ण सङ्कर्षण कृषि – सङ्कर्षण – सम्यक् कृष्यते इति सङ्कर्षण। नीलाम्बरो रौहिणेयस्तालाङ्को मुसली हली। सङ्कर्षणो सीरपाणि: कालिन्दीभेदनो बल: ॥
इण्टरनेट है, गुगल खोज उपलब्ध है; जब आप एक योद्धा की भाँति स्थिरचित्त व दृढ़निश्चयी होंगे तो विकल्प ढूँढ़ ही लेंगे। इस कारण ही पहले मन का संस्कार आवश्यक है। चीनी मन आप से अधिक स्थिर, दृढ़ व सातत्ययुक्त है; उसकी विविध क्षेत्रों में प्रगति ही प्रमाण है। ‘हजार की यात्रा एक पग से’ को उन्होंने दशकों से अपना रखा है।
Bhārata needs second Republic – Many of legislations are not in accordance with the said concept of equality and ‘Secularism’.
Red Avadavat लाल मुनिया अपने नाम के अनुरूप चटख लाल वर्ण का सुन्दर पक्षी है जो लगभग ४ इंच का होता है। इनके चोंच का वर्ण ऋतु के अनुसार बदलता रहता है।
Nīti-Sāraḥ नीतिसार :Tiny Lamps लघु दीप – 28 करपात्र या पाणिपात्र, जिसका हाथ ही भोजनपात्र है। ब्रह्मा द्वारा आरुणि को संन्यास उपदेश का अन्तिम, पाँचवा मन्त्र। इस सामवेदीय लघु उपनिषद् में मात्र पाँच गद्य मन्त्र हैं।
Default Bias यथास्थिति पक्षपात – विषयों के सम्बंध में इंद्रियों को राग-द्वेष रहते ही हैं। उनके वश में न हों क्योंकि वे मनुष्य के शत्रु हैं।
सङ्क्रान्ति, विषुव, दिन, रात, अयन, अधिमास, ऋण, ऊनरात्र एवं धन; ये सूर्य की गति से होनेवाली दस दशाएँ शरीर में भी होती हैं। प्राणायाम करें स्वस्थ रहें। प्रत्येक दिन ही चन्द्रग्रहण, सूर्यग्रहण समान पुण्य अर्जित करें।
Alexandrine Parakeet पहाड़ी तोता। Alexandrine नाम सिकंदर के नाम पर ही पड़ा है क्योंकि उसने अपने समय भारत से बहुत से तोतो को पकड़वाकर यूरोपीय देशों को भेजा था।
किसी भी व्रत-पर्व-त्यौहार इत्यादि के निर्णय के लिए २ बातों की जानकारी आवश्यक है, – प्रथमतः उसके आधारभूत ज्योतिषीय घटना और द्वितीयतः उस व्रत-पर्व-त्यौहार के मनाने के लिए धर्मशास्त्र की सम्मति।
प्रतिष्ठित विशेषज्ञ भी बहुधा अतार्किक बातें करने लगते हैं तथा प्रायः विशेषज्ञ स्वयं के ज्ञान के दम्भ में इस प्रकार सङ्कीर्ण होते जाते हैं कि उनके क्षेत्र में अन्वेषित नवीन सिद्धान्तों को ग्रहण करने के प्रति उनकी सहनशीलता में भी ह्रास हो जाता है।
चिकनी हुई भूमि में फँसा चक्का घूमता हुआ भी केवल कीचड़ ही फेंक पाता है। हमें यह सोच कर इससे निकलना ही होगा कि दूसरे ही क्यों, हम क्यों नहीं?