पिछली कड़ियाँ : 1 , 2 , 3 , 4, 5, 6 , 7, 8, 9,10, 11 , 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22 , 23, 24, 25, 26, 27, 28, 29, 30, 31, 32, 33
१. चपेट
(न अइयो चपेटे में!)
पाणौ चपेट प्रतल प्रहस्ता विस्तृताङ्गुलौ।
अन्य नाम प्रतल एवं प्रहस्त।
२. पनहा
साड़ी, धोती का पनहा जाँचते हैं न? वह परिणाह या विशालता है।
परिणाहा विशालता।
३. फाल
महिलायें साड़ी पर फाल लगवाती हैं। उसके लिये कहा है –
फालं तु कार्पासं बादरं च तत्।
वस्तुत: कपास का कपड़ा।
तीन नाम – फाल, कार्पास एवं बादर।
भोजपुरी में प्रचलित बाडर बादर से है, न कि border से।
४. बेना (भोजपुरी)
हाथ का पंखा बेना कहलाता है। – वृन्तक < ताल(ळ)वृन्तक
अन्य नाम व्यजन भी।
व्यजनं तालवृन्तकम् ।
५. अध्यापक या उपाध्याय
वेद पढ़ाने वाला अध्यापक या उपाध्याय।
उपाध्यायोऽध्यापक।
६. दीक्षित
स सोमवति दीक्षित: ।
सोम यज्ञ का यजमान दीक्षित कहलाता है।
७. आचार्य
मन्त्रव्याख्याकृदाचार्य:।
वेद की व्याख्या करने वाला आचार्य कहलाता है।
८. पहुना, पाहुन (भोजपुरी, मैथिली आदि)
संस्कृत में प्राघुणक।
प्राघूर्णिक: प्राघुणकश्च। – अभ्यागत हेतु।
अमरसिंह विरचित अमरकोश या नामलिङ्गानुशासन शब्दों के अर्थ, पर्याय व लिङ्ग बताने वाला कोश है। यह पारम्परिक संस्कृत पाठशालाओं के पाठ्यक्रम का अनिवार्य अङ्ग है।