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गन्ध
विमर्दोत्थे परिमलो गन्धे जनमनोहरे।
समाकर्षी तु निर्हारी सुरभिर्घ्राणतर्पणः।
इष्टगन्धः सुगन्धिः स्यादामोदी मुखवासनः॥
पूतिगन्धिस्तु दुर्गन्धो विस्रं स्यादामगन्धि यत्।
चन्दन आदि को घिसने से उत्पन्न सुगन्धि को परिमल कहते हैं।
दूर तक पसरने वाली सुगन्ध को समाकर्षी एवं निर्हारी नाम दिये गये हैं।
सुगन्धि के चार नाम हैं – सुरभि, घ्राणतर्पण, इष्टगन्ध एवं सुगन्धि।
मुख को सुगन्धित करने वाले द्रव्य आमोदी एवं मुखवासन कहे गये हैं।
दुर्गन्ध के दो नाम हैं, पूतिगन्धि एवं दुर्गन्ध।
कच्चे मांस की गन्ध को विस्र एवं आमगन्धि नाम दिया गये हैं।
औचित्य परीक्षण
सम्प्रधारणा तु समर्थनम् ।
उचित एवं अनुचित की परीक्षा करने के दो नाम सम्प्रधारणा एवं समर्थन। अर्थात् किसी का समर्थन करने में औचित्यनिर्णय समाहित है। कोई यह नहीं कह सकता कि ऐसे ही समर्थन कर दिया!
आज्ञा
अपवादस्तु निर्देशो निदेश: शासनम् च स:।
शिष्टिश्चाज्ञा च।
आज्ञा के छ: नाम हैं – अपवाद, निर्देश, निदेश, शासन, शिष्टि एवं आज्ञा। Director का अनुवाद निदेशक करने वाले ने अमरकोश देखा था।
मर्यादा
संस्था तु मर्य्यादा धारणा स्थिति:।
मर्यादा के चार नाम हैं – संस्था, मर्यादा, धारणा, स्थिति।
अपराध
आगो पराधो मन्तुश्च ।
अपराध के तीन नाम हैं – आग, पराध एवं मन्तु।
बन्धन
समे तूद्दाबन्धने ।
बन्दी बनाने से सम्बन्धित दो सञ्ज्ञायें हैं – उद्दान एवं बन्धन।
कर
भागधेय करो बलि ।
कर Tax के तीन नाम – भागधेय, कर एवं बलि।
घट्टादिदेयं शुल्क: ।
चुङ्गी या घाट पर दिया जाने वाला कर शुल्क कहलाता है।